महाशिवरात्रि पर्व पर शिवालयों में दिखी लोगों की भीड़

बिलग्राम,पाली,बेहटागोकुल,हरदोई। महाशिवरात्रि पर्व पर नगर के प्रमुख मंदिरों व शिवालयों पर भक्तों ने बड़ी संख्या में पूजन अर्चन किया।बीते दिन इस पर्व विशेष के महत्व को ध्यान में रखते हुए भगवान शिव के भक्तों ने शिवालयों में सुबह से जो पूजन अर्चन करना आरम्भ किया वह देर रात्रि तक चलता रहा।धार्मिक व पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को बाल, युवा, वृद्ध, स्त्री व पुरुष, भक्ति व निष्ठा के साथ कर सकते हैं। इस व्रत से संबंधित कई जनश्रुतियां तथा पुराणों में अनेक प्रसंग हैं। जिसमें प्रमुख रूप से शिवलिंग के प्रकट होने तथा शिकारी व मृग परिवार का संवाद है। निर्धनता व क्षुधा से व्याकुल जीव हिंसा को अपने गले लगा चुके उस शिकारी को दैवयोग से महाशिवरात्रि के दिन खाने को कुछ नहीं मिला तथा सायंकालीन वेला मे सरोवर के निकट बिल्वपत्र में चढ़ कर अपने आखेट की लालसा से रात्रि के चार पहर अर्थात्‌ सुबह तक बिल्वपत्र को तोड़कर अनजाने में नीचे गिराता रहा जो शिवलिंग पर चढ़ते गए।जिसके फलस्वरूप उसका हिंसक हृदय पवित्र हुआ और प्रत्येक पहर में हाथ आए उस मृग परिवार को उनके वायदे के अनुसार छोड़ता रहा। किन्तु किए गए वायदे के अनुसार मृग परिवार उस शिकारी के सामने प्रस्तुत हुआ। परिणामस्वरूप उसे व मृग परिवार को मनोवांछित फल प्राप्त हुए। नगर स्थित प्राचीन शिव मंदिर में विशेष तौर पर माने जाने वाले बाबा मंशानाथ मंदिर में श्रद्धालुओं में शामिल महिलाओं पुरुषों ने शिवलिंग पर विभिन्न चीज़ों से अभिषेक करने के साथ अपने व अपने परिवार की भलाई के लिए प्रार्थना करते दिखे।इस अवसर पर कुछ भक्तों द्वारा भगवान शिव को गंगा जल व दूध एवं गन्ने के रस से भी अभिषेक करते दिखे।धार्मिक रूप से शिवरात्रि पर्व पर कई तरह के अभिषेक भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर चढ़ाने के विधान बताये गये हैं।जिसी को ध्यान में रखते हुए शिवजी के भक्त इस पर्व को एक उत्सव के रूप में मनाते हैं।इस दिन लोग व्रत रखकर भगवान शिव का नाम जपते हैं।बीते दिन इस पर्व विशेष के महत्व को ध्यान में रखते हुए भगवान शिव के भक्तों ने शिवालयों में सुबह से जो पूजन अर्चन करना आरम्भ किया वह देर रात्रि तक चलता रहा।नगर स्थिति प्राचीन शिव मंदिर में विशेष तौर पर बाबा मंशानाथ मंदिर में श्रद्धालुओं में शामिल महिलाओं पुरुषों ने शिवलिंग पर विभिन्न चीज़ों से अभिषेक करने के साथ अपने व अपने परिवार की भलाई के लिए प्रार्थना करते दिखे।इस अवसर पर कुछ भक्तों द्वारा भगवान शिव को गंगा जल व दूध एवं गन्ने के रस से भी अभिषेक करते दिखे।धार्मिक रूप से शिवरात्रि पर्व पर कई तरह के अभिषेक भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर चढ़ाने के विधान बताये गये हैं।जिसी को ध्यान में रखते हुए शिवजी के भक्त इस पर्व को एक उत्सव के रूप में मनाते हैं।इस दिन लोग व्रत रखकर भगवान शिव का नाम जपते हैं।नगर में बाबा मंशानाथ मंदिर , पीपल चौराहा स्थित बाबा विश्वनाथ मंदिर व सुभाष पार्क के पास स्थिति शिवालय समेत सभी मन्दिरों में भक्तों द्वारा पूजन अर्चन किया गया।

पाली,महाशिवरात्रि के पावन पर्व के मौके पर वैसे तो इलाके के सभी शिव मंदिरों पर सुबह से ही पूजा अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं का ताता लगा रहा लेकिन प्राचीन काल से लोगों की आस्था का केंद्र बने दिबियापुर धानी नगला स्थित पांडव कालीन सिद्धेश्वर नाथ शिव मंदिर का नजारा ही अन्य मंदिरों की अपेक्षा बिल्कुल अलग था।भरखनी ब्लॉक मुख्यालय से पश्चिम दिशा में करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित पांडव कालीन सिद्धेश्वर नाथ महादेव मंदिर के बारे में चर्चा है कि आज से हजारों वर्ष पहले अपने अज्ञातवास के दौरान पांडवों के जेष्ठ पुत्र धर्मराज युधिष्ठिर ने अपने हाथों से सिद्धेश्वर नाथ महादेव की स्थापना की थी प्राचीन काल के इस पवित्र स्थान से हजारों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है वेद पुराणों में वर्णित फागुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था जिसको हम महाशिवरात्रि के रूप में मनाते हैं बृहस्पतिवार की सुबह से ही इस पावन पर्व के मौके इलाके के शिव मंदिरों समेत सिद्धेश्वर नाथ महादेव मंदिर में मंदिरों में पूजा अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं का ताता लगा रहा मंदिरों और शिवालयों मे जय भोले बम भोले के जयघोषो  गुलजार रहे साथ ही प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए  किए गए।शिव दर्शन के लिये उमड़ी श्रद्धालुओं की भीडदर्शन के लिये लगभग लाखो के अंतराल मैं आए श्रद्धालु।महाशिवरात्रि पर सकाहा में स्थिति शिव संकट हरण सकाहा मंदिर पर जलाभिषेक करने के लिये श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। इस मौके पर मेला भी लगा।महाशिवरात्रि के मौके पर शिवालय हर-हर महादेव के जयकारे से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा । गुरुवार की सुबह से ही सकाहा शिव मंदिर में जल चढ़ाने व शिव संकट हरण बाबा दर्शन  के लिए लोग अपनी बारी का इंतजार करते देखे गये। श्रद्धालुओं ने इस दौरान धतूर, बैर, बेलपत्र तथा दूध से भगवान शिव संकट हरण बाबा का पूजन किया। पूरे मंदिर परिसर में मेले का माहौल बना रहा। महाशिव रात्रि के मौके पर सुबह से ही लोग जलाभिषेक करने के लिए मंदिर पहुंचने लगे। महाशिवरात्रि पर मेले में पहुंचने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए व्यापक पुलिस प्रबंध किए गए हैं।शिव संकट हरण सकाहा मंदिर में भक्तों की खासी भीड़ जुटी। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पुलिस के कड़े प्रबंध कर रखे थे।मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए चप्पे-चप्पे पर पुलिस व प्रशासन मौजूद रहे।भक्तों के दर्शन करने के विशेष इन्तज़ाम किए गये प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मीकांत मिश्रा मय पुलिस बल सहित मंदिर में मौजूद रहे। व्यवस्था में 6 थानों से पुलिस बल जगह-जगह मौजूद रहा।मंदिर की व्यवस्था और साफ सफाई भी पुलिस ने खुद ही संभाल ली।मोहर्रिर रणवीर सिंह मंदिर की साफ सफाई खुद ही करते दिखे।एसडीएम सदर सौरभ दुबे,नायब तहसीलदार सदर,व तहसीलदार शाहाबाद अवधेश कुमार भी व्यवस्था मंदिर की व्यवस्था में तैनात रहे।

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