अवैध कच्ची शराब को लेकर की गई छापेमारी। एक दर्जन पुरूषों के साथ महिला गिरफ्तार

अपर पुलिस अधीक्षक व महेश चंद्र के नेतृत्व में भारी पुलिस बल के साथ कई गांवों में अवैध कच्ची शराब को लेकर की गई छापेमारी। एक दर्जन पुरूषों के साथ महिला गिरफ्तार। पुलिस के आला अधिकारी की कार्रवाई से अवैध शराब माफियाओं में मचा हड़कंप।पकड़े गए कच्ची शराब के आरोपित बता रहे हैं कैसे बनाते हैं कच्ची शराब

कच्ची शराब पीने वाले नशेड़ी हो जाएं सावधान

यूरिया व नौशादर मिलाते ही शराब बन जाती है जहरकच्ची शराब बनाने वाले अवैध कारोबारी लोगों की जिंदगी के साथ सीधे सीधे मजाक कर रहे है पहले शराब निर्माण में महुआ के साथ शीरे के रूप में गुड़ का प्रयोग करते थे। .. लेकिन अब अधिक लाभ कमाने के चक्कर में गुड़ के स्थान पर यूरिया व नौशादर का प्रयोग करने लगे हैं। इन अवैध व्यवसायियों के पास कोई निर्धारित मानक तो होता नहीं है यही वजह है कि शराब में यूरिया की मात्रा अधिक पड़ जाती है, जो जहर में तब्दील हो जाती है।

दरअसल गांवों में बहुत पहले से अवैध तरीके से कच्ची शराब बनाकर बेची जा रही है। दानपुर, कुल्लही, लेहना, नेवादा, राभा समेत दर्जनों गांवों में धड़ल्ले से कच्ची शराब का निर्माण व बिक्री की जाती है। सरकारी देशी शराब से काफी कम दाम पर मिलने के कारण लोगों के बीच इस शराब की बहुत मांग रहती है। पुलिस व आबकारी विभाग द्वारा समय समय पर छापेमारी व गिरफ्तारी भी जाती है, पर यह कारोबार इन इलाकों में इस कदर कुटीर उद्योग बन चुका है कि लाख प्रयास के बावजूद यह रूकने का नाम नहीं ले रहा और तो और विभागीय सांठ-गांठ के आधार पर ये लोग छापेमारी व गिरफ्तारी को मजाक समझते हैं। छापेमारी के दौरान अवैध कारोबारी घर की महिलाओं को आगे कर खुद गायब हो जाते हैं। महिलाओं का हाल यह है कि या तो मौके से ही या फिर थाने से इन्हें जमानत मिल जाती है। इस अनोखे सांठ-गांठ के आधार पर इन क्षेत्रों में यह धंधा बदस्तूर जारी है।

लहन को जल्दी तैयार करने के लिए मिलाते हैं नौशादर

लहन को जल्दी तैयार करने के लिए महुआ में यूरिया व नौशादर मिलाया जाता है ताकि दूसरे दिन ही महुआ का उपयोग कच्ची शराब बनाने के लिए किया जा सके। इस जल्दीबाजी में जरूरत से ज्यादे यूरिया व नौशादर मिला देते हैं। ज्यादे यूरिया व नौशादर के कारण तैयार हुआ लहन जहरीला हो जाता है।

यूरिया में नाइट्रोजन से होता है नुकसान
इस संबंध में ह्दय रोग विशेषज्ञ बताते है कि हमेशा यूरिया को शरीर से बाहर निकाला जाता है। स्व: प्रक्रिया में भी लघुशंका के माध्यम से यूरिया बाहर निकलता रहता है। जब किसी भी माध्यम से शरीर में अधिक मात्रा में यूरिया पहुंचेगा तो वह खतरनाक तो होगा ही। यूरिया नाइट्रोजन होता है जो शरीर में पहुंचकर जहर का रूप ले लेता है।

टीम बनाकर इसे रोका जाएगा: एडिशनल एसपी

इस संबंध में एडिशनल एसपी बताते हैं कि आबकारी से जुड़ी धाराओं में लचीलापन नही होने दिया जायेगा। ऐसा करने से लोग डरेंगे। वैसे टीमे बनाकर हरहाल में इसे रोका जाएगा।

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