परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बहुत जरूरी : डॉ. सुशील कुमार 

भ्रान्ति को त्यागें और परिवार पूर्ण होने पर नसबंदी को अपनाएं
हरदोई।परिवार कल्याण कार्यक्रमों का लाभ समुदाय तक पहुंचाने पर  स्वास्थ्य विभाग  का पूरा जोर है | परिवार नियोजन के साधन अपनाने से जहाँ माँ और बच्चे का स्वास्थ्य बेहतर  रहता है, वहीँ अनचाहे गर्भ से मुक्ति  भी मिलती  है | परिवार सीमित रखने के साथ ही  मातृ व शिशु मृत्यु दर में  कमी भी आती है |
परिवार को सीमित रखने के लिए महिला एवं पुरुष नसबंदी(एनएसवी) जैसे स्थायी साधन उपलब्ध हैं लेकिन इसमें अपनी जिम्मेदारी समझते हुए महिलाएं ही आगे आ रही हैं। जनपद में जहां एक अप्रैल 2020 से जून 2021 तक 3360 महिलाओं ने नसबंदी करायी वहीँ 24 पुरुषों ने ही अपनी भागीदारी दिखाई।
इस सम्बन्ध में परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुशील कुमार कहते हैं – जागरूकता का अभाव, अशिक्षा,गरीबी,पुरुष प्रधान समाज,महिलाओं का कम पढ़ा लिखा होना,भ्रांतियाँ, परिवार के प्रति केवल महिला का उत्तरदायित्व होना आदि  हमारे समाज में  कुछ ऐसे कारक हैं जिनके कारण एनएसवी का प्रतिशत हमारे यहाँ बहुत कम है।
उन्होंने कहा कि पुरुष नसबंदी को लेकर लोगों में भ्रांतिया हैं कि इससे पुरुषों में कमजोरी आ जाती है लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से सुरक्षित है।अब पुरुष  नसबंदी को लेकर जागरूक हो रहे हैं लेकिन अभी हमें और प्रयास करने की जरूरत है।
डा. सुशील ने बताया- पुरुष नसबंदी,महिला नसबंदी की अपेक्षा ज्यादा आसान है | यह बिना चीरा टांका वाली एक आसान प्रक्रिया है और परिवार नियोजन का एक स्थाई उपाय है।इस प्रक्रिया में शुक्राणु नालिका बंद कर दी जाती है जिससे शुक्राणु वीर्य में नहीं मिल पाते और महिला को गर्भ नहीं ठहरता।इसे वह सभी पुरुष करवा सकते हैं। जो 60 वर्ष से कम उम्र के हों और जिनका कम से कम एक बच्चा हो।नसबंदी के 99 फीसद मामले सफल होते हैं। कुछ लोगों को यह भी लगता है कि आपरेशन के कारण उन्हें कमजोरी हो जाएगी। पुरुष नसबंदी की प्रक्रिया पूरी होने में केवल 10-15 मिनट का समय लगता है।  इसमें ज्यादा से ज्यादा एक दिन के आराम की जरुरत होती है, या उसकी भी जरुरत नहीं होती है।
लाभार्थी को एनएसवी करवाने पर 3000 की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। नसबंदी विफल होने पर 60,000 की क्षतिपूर्ति राशि दी जाती है।
एनएसवी कराने के कुछ घन्टों के बाद जननांगों  में सूजन हो जाए,घाव के आस-पास दर्द या जलन हो रही हो ,यदि तीन दिन के अन्दर बुखार हो जाए  या खून आ रहा हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

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