कछौना में औपचारिकता बना गरीब कल्याण मेला

कछौना/हरदोई। विकासखंड कछौना के प्रांगण में आयोजित गरीब कल्याण मेला में अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया।प्रचार-प्रसार के अभाव में दूरदराज के लोगों को जानकारी नहीं मिल सकी। गरीब कल्याण मेला में लगाएं स्टालों पर केवल खानापूर्ति कर बैनर लगाकर इतिश्री कर ली गई। लाभार्थियों को योजना की सही जानकारी न मिलने के कारण दर-दर भटकते रहे।
सरकार की मंशा गरीब व्यक्ति को योजना का लाभ दिलाकर मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।  प्रधानमंत्री आयुष्मान गोल्डन कार्ड हेतु लगाएं स्टाल पर बेवसाइट न चलने के कारण लोगों को सूची में अपने नाम की जानकारी नहीं मिल पा रही थी। वर्तमान में कछौना क्षेत्र में हजारों लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड नहीं बने हैं। गरीब व्यक्ति को निःशुल्क इलाज हेतु महत्वपूर्ण योजना है। लेकिन सही ढंग से क्रियान्वयन न होने के कारण आम जनमानस को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।
कोविड-19
महामारी गाइड लाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही थी। कई एजेंसियों द्वारा उज्जवला योजना के तहत स्टाल लगाए गए थे। कुछ लाभार्थियों को योजना का लाभ देकर कर्तव्य की इतिश्री कर ली गई। कई लाभार्थियों ने बताया, वह उज्ज्वला योजना कनेक्शन उपलब्ध कराने में एजेंसी के कर्मचारियों द्वारा 100 रुपये से लेकर 500 रुपये तक की अवैध वसूली की जा रही है। पंचायत राज विभाग द्वारा सामुदायिक शौचालय का मॉडल लगाया गया था। दूर दराज से आए ग्रामीणों ने बताया, हमारी ग्राम सभाओं में अधिकांश सामुदायिक शौचालय अधूरे पड़े हैं। वहां कोई केयरटेकर नहीं रहते हैं। उसके बाद उन्हें ग्राम प्रधान व सचिव के गठजोड़ के चलते भुगतान व सफाई सामग्री के नाम पर धनराशि डकारी जा रही है। जिससे गांव की 50% आबादी आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर है।जय श्री बालाजी स्वयं सहायता समूह लोन्हारा का काउंटर से महिला अध्यक्ष नदारद थी।  समूह न चलाकर पुरुष द्वारा दुकान के रूप में संचालित है। जिससे आधी आबादी आज भी मुख्यधारा में नहीं आ पा रही है। नमो बुद्धाय स्वयं सहायता समूह महरी की अध्यक्ष द्वारा रेडीमेड की दुकान संचालित कर परिवार का भरण पोषण में अहम योगदान दे रही हैं। बाल विकास पुष्टाहार विभाग द्वारा पोषण माह अभियान के तहत स्टाल लगाया गया था, जहां पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने अपना दर्द बयां किया, उन्हें एक वर्ष का समय बीत जाने के बावजूद साड़ी का भुगतान नहीं मिला है। अधिकांश केंद्रों पर वजन मशीन खराब पड़ी है। बच्चों को बैठने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। खेलकूद सामग्री व मनोरंजन के लिए कोई साधन नहीं मुहैया कराया गया है। अभी अधिकांश केंद्र किराए पर संचालित है। जिनका विभाग द्वारा कई वर्ष बीत जाने के बावजूद भुगतान नहीं मिला है। ऐसे में जिनके ऊपर कुपोषण दूर करने की जिम्मेदारी है, वह स्वयं कार्यकत्रियों व केंद्र कुपोषण का शिकार हैं।   खाद्य रसद विभाग द्वारा लगाए स्टाल पर योजनाओं का कोई पम्पलेट नहीं था। जिससे लोगों को योजनाओं की सही जानकारी नहीं मिल सकी।  सरकार के लाख प्रयास के बावजूद गोदामों से अवैध कटौती के चलते उपभोक्ताओं को घटतौली व ओवरवेट का सामना करना पड़ता है, क्योंकि गोदामों से सत्ता पक्ष के लोगों द्वारा कोटेदारों से राशन की कटौती की जा रही है। कृषि विभाग द्वारा बीज वितरण, कृषि यंत्र, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, कीटनाशक, पराली सड़ाने की विधि के बारे में जागरूक किया जा रहा है, लेकिन कृषि रक्षा इकाई काफी जर्जर व खंडहर में तब्दील हो गया है। कृषि विभाग के कर्मी जान को जोखिम में डालकर कार्य करने को विवश हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम किसानों से प्रतिवर्ष लाखों रुपए की प्रीमियम के नाम पर कटौती की जाती है। परन्तु प्रभावित किसानों को योजना का लाभ नहीं मिलता है।  सिंचाई विभाग द्वारा निःशुल्क बोरिंग योजना के नाम पर आज भी पाइप गुणवत्ता विहीन एक निजी दुकान द्वारा दिए जाते हैं, जो केवल पनारा के कार्य आते हैं।   है।प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी है।गरीब कल्याण मेला की रस्में अदायगी कर कर्तव्यों की इतिश्री कर ली गई।

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