मच्छरों से बचाव हेतु मच्छर विकर्षी पौधों जैसे लेमनग्रास, गेंदा, लौग, तुलसी, लहसुन, नीम का पौधा,रोजमेेरी और सिट्रोनेला ग्रास अवश्य लगायें:- डा सूयमणि त्रिपाठी

बुखार, उल्टी, सिर, बदन, जोड़ों, आंख के पीछे दर्द व जी मचलाने पर डाक्टर से परामर्श लें:-सीएमओ
हरदोई- मुख्य चिकित्सा अधिकारी सूर्य मणि त्रिपाठी ने बताया है कि जनपद मे डेंगू रोग का प्रकोप व्याप्त है। डेंगू रोग एक विशेष प्रकार के एडीज एजिप्टाई नामक मच्छर के काटने से फैलता है इसके शरीर पर सफेद धारियां होती है। डेंगू रोगी को सामान्यतः तेज बुखार,उल्टी,तेज सिरदर्द,बदन एवं जोड़ो में दर्द,आंख के पीछे दर्द,जी मचलाना आदि लक्षण प्रकट होते हैं। कुछ मामलों मे शरीर पर लाल चकत्ते पड़ जाते है। यदि किसी व्यक्ति मे उक्त लक्षण दिखायी दें तो उसे तुरन्त चिकित्सक का परामर्श लेना चाहिए। यह मच्छर साफ पानी में पनपता है। जैसे कि घरों के अंदर, फ्रीज की ट्रे, गमलों में भरे पानी, खुले में रखे टायर, टूटे फूटे बर्तन,नारियल के खोल, प्लास्टिक आदि के पात्र मे मच्छर अण्डे देता है। एडीज मच्छर यदि किसी संक्रमित व्यक्ति को काटकर दूसरे को काटता है तो संक्रमण दूसरे व्यक्ति मे भी पहुंच जाता है। अतः आवश्यक है कि डेंगू के रोगी को मच्छरदानी में रखा जाये ताकि अन्य व्यक्तियों को संक्रमण से बचाया जा सके। अतः जनमानस से अपील की जाती है कि पूरे आस्तीन के कपड़े पहने, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, मच्छरों से बचाव हेतु मच्छररोधी युक्तियों का प्रयोग करें। डेंगू का मच्छर अधिकतर दिन मे ही काटता है इसलिए दिन मे मच्छरों से बचाव हेतु सतर्क रहना चाहिए। घरों के अंदर साफ-सफाई रखनी चाहिए यदि घरों के आसपास खाली पड़े प्लाटों में पानी भरा हो तो वहां पर एवं आसपास की नालियों में जला हुआ मोबीआयल की कुछ बूंदें डाल दी जाये। साथ ही साथ घरों में मच्छरों से बचाव हेतु मच्छर विकर्षी पौधों जैसे लेमनग्रास, गेदा,लौग,तुलसी,लहसुन, नीम का पौधा,रोजमेेरी, सिट्रोनेला ग्रास,लगाने चाहिये क्योकि उक्त पौधे मच्छर भगाने में कारगार माना जाता है।

About graminujala_e5wy8i

Check Also

राजकीय वृक्षों के अवैध कटान में वांछित अभियुक्त को वन रेंज की टीम ने गिरफ्तार कर भेजा जेल

कछौना, हरदोई। वन रेंज कछौना के अंतर्गत चार माह पूर्व समदा खजोहना में 15 राजकीय …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *