प्रदेश की समृद्धिशाली संस्कृति के संरक्षण, संवर्द्धन,प्रदर्शन हेतु प्रदेश सरकार ने किया है विशेष कार्य

हरदोई। देश में उत्तर प्रदेश सांस्कृतिक विरासत को संजोये रखने में अग्रणी राज्य है। यहॉ की गंगा-यमुनी संस्कृति विश्व प्रसिद्ध है। प्रदेश सरकार उत्तर प्रदेश की समृद्धिशाली संस्कृति के संरक्षण, संवर्द्धन एवं प्रदर्शन हेतु निरन्तर प्रयत्नशील है।
प्रदेश की अमूर्त विरासत को संरक्षित करने के लिए अनेको ठोस कदम उठाये गये हैं। पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को स्वदेश दर्शन योजनान्तर्गत रामायण सर्किट,बौद्ध सर्किट,हेरिटेज सर्किट, स्प्रिचुएल सर्किट, बुन्देलखण्ड सर्किट, शक्तिपीठ सर्किट, महाभारत सर्किट,सूफी सर्किट एवं जैन सर्किट परिपथों को चिन्हित कर मूलभूत सुविधायें प्रदान करते हुए समेकित पर्यटन विकास किया गया है। महामहिम राष्ट्रपति रामायण कानक्लेव का उद्घाटन अयोध्या में किया गया। इस कानक्लेव के अन्तर्गत रामायण के विभिन्न प्रसंगों पर आधारित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन प्रदेश के 18 जनपदों में किया जा रहा है।
चौरी-चौरा शताब्दी समारोह एवं आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत गोरखपुर एवं काकोरी,लखनऊ में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश के समस्त जनपदों में कार्यक्रमों का आयोजन करते हुए आम जनता को स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन की वीरगाथा के विषय में बताया गया। प्रदेश में कला एवं संस्कृति को बढ़ावा दिये जाने हेतु मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुरूप प्रदेश के प्रमुख धार्मिक, पर्यटक स्थलों पर अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये जैसे- कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर ’कृष्णोत्सव’, अयोध्या में ’दीपोत्सव’ वाराणसी में ’देव दीपावली’ ’फरहा महोत्सव’, ’उप्र दिवस’ आदि। यह समस्त कार्यक्रम प्रदेश सरकार द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किये जा रहे हैं।
प्रदेश में फिल्म के विकास योजना के अन्तर्गत उप्र की लोक कलाओं पर आधारित प्रदेश के विविध अंचलों यथा-अवध, बुन्देलखण्ड, भोजपुरी, पूर्वांचल, तराई, जनजाति एवं उप्र की सम्पूर्ण सांस्कृतिक विरासत पर हिन्दी व अंर्ग्रेजी भाषा में 30-30 मिनट की 15 डाक्यूमेंट्री फिल्मों का निर्माण कराया गया जो कि संस्कृति विभाग के यू-ट्यूब चौनल पर आम जनमानस के अवलोकन हेतु उपलब्ध है। प्रतिवर्ष अटल बिहारी वाजपेयी जी की स्मृति में सांस्कृतिक समारोह का आयोजन दिनांक 25 दिसम्बर को किया जाता है। कल्चरल क्लब योजना के अन्तर्गत प्रदेश में संस्कृति के संवर्द्धन व संरक्षण हेतु विश्वविद्यालयों में छात्र-छात्राओं में संस्कृति के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से कल्चरल क्लबों की स्थापना संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है।
प्रदेश में वाद्ययंत्र अनुदान सहायता योजना के अन्तर्गत लोक कलाकारों को वाद्ययंत्रों एवं वेशभूषा के क्रय हेतु अनुदान दिये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। अभिलेखीकरण योजना के अन्तर्गत प्रदेश की समृद्धिशाली सांस्कृतिक धरोहर का अभिलेखीकरण का कार्य भी प्रारम्भ किया गया है। जिससे प्रदेश की विविध संस्कृतियों को संजोये रखा जा सके।

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