आजादी के पहले और बाद, कब किसने किया बिलग्राम नगर पालिका पर राज
कमरुल खान की क़लम से✍️
बिलग्राम हरदोई। ।बिलग्राम नगर पालिका की नींव करीब 1877 में ही रख दी गई थी। चूँकि यहां से करीब मल्लावां, अंग्रेजी कार्यकाल में जिला मुख्यालय हुआ करता था। जहां पर अंग्रेजी हुक्मरान बैठकर रणनीति तैयार करते थे। इस लिए बिलग्राम पर भी अंग्रेजों की खास नजर रहती थी इसीलिए इसकी तरक्की में अंग्रेज़ कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते थे बिलग्राम कस्बे की सफाई व्यवस्था की शुरुआत सुचारू रूप से से लार्ड विपिन वायसराय के दौर से शुरू हुई कहा जाता है कि जब मुंशीपल कमेटियों को आजादी मिली कि वो अपना चेयरमैन खुद चुनें तो क़स्बे में सबसे पहले सय्यद वसी हैदर ताल्लुकेदार को चुना गया लेकिन ये ज्यादा दिनों तक व्यवस्थाओं को दुरुस्त नहीं कर पाये
1911 ई0 बिलग्राम नोटीफाइड एरिया कायम होने बाद बने दूसरे चेयरमैन खान बहादुर सय्यद अली बहादुर की फोटो।
कुछ समय बाद मिस्टर वी डिप्टी कमिश्नर हरदोई के समय1911 ईस्वी में बिलग्राम नोटिफाइड एरिया कायम हुई और नगर के खानबहादुर सय्यद अली बहादुर चेयरमैन बनाये गये जिन्होंने नगर का बेहतर निजाम चलाने के लिए सबसे पहले कस्बे के लोगों पर हाउस टैक्स लगाया। जिसकी उस दौर में आमदनी 6045 रुपये थी किताबें बताती हैं कि उस वक्त नगर की रोशनी वगैरह का खर्चा 2421 रुपये आता था सय्यद अली बहादुर के बाद चेयरमैन की कुर्सी पर सय्यद मोहम्मद जव्वाद काबिज हो गये 1921 में बाबू बलदेव प्रसाद अग्रवाल ने कुर्सी संभाली आपके प्रयासों से ही कस्बे में सबसे पहले पक्की सड़कें बनाई गयीं आपके बाद बाबू किशुन नारायण खत्री फिर ठाकुर महाराज सिंह चेयरमैन बने 1936 ईस्वी में बाबू हरिश्चंद्र अग्रवाल एडवोकेट ने चेयरमैनी पद अपने नाम किया जिसपर वो 1947 तक बने रहे। आप के दौर में ही 17000 की लागत से सुभाष पार्क का निर्माण हुआ यही नहीं आपके दौर में हाउसटैक्स को खत्म कर के जगह-जगह चुंगी चौकियां स्थापित कराई गयीं थीं आपने ही सबसे पहले बिलग्राम को छह वार्डों में विभाजित किया इन सब कार्यों के लिए जब स्टाफ की कमी हुई तो नगर के कई गरीबों को नौकरी देकर उनकी रोजी-रोटी का इंतजाम किया आपके बाद एडवोकेट रघुनंदन प्रसाद कपूर ने अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली आप 1947 से लेकर 1949 तक अध्यक्ष रहे इस दौरान आपने कस्बे में ज्यादातर प्याऊ का निर्माण कराया ताकि लोगों को प्यास से राहत मिल सके और भी तमाम कामों का मसौदा तैयार किया था परंतु आप की असमय म्रत्यु हो गयी और कस्बे ने एक हरदिल अजीज हस्ती को खो दिया आपके गुजर जाने के बाद बाबू श्री नारायण कपूर उर्फ पुत्तन बाबू कस्बे के मेंबरों के साथ मिल कर पालिका के कामों को अंजाम देते रहें सन 1955 – 56 में आपके बेहतर काम काज के बदौलत मुंसिपल बोर्ड की आय 66553 रुपये और व्यय 45041 था जिससे बोर्ड द्वारा कस्बे के तीन प्राइमरी और एक जूनियर हाईस्कूल चलता था आपके बाद बाबू हरिश्चंद्र अग्रवाल, फिर जय नारायण अवस्थी, कार्यवाहक काजी अब्दुल कय्यूम, बाबू मथुरा प्रसाद अग्रवाल, अजीज अहमद, कार्यवाहक फिर दूसरी और तीसरी बार श्री नारायण कपूर पुत्तन बाबू काजी अब्दुल कय्यूम दूसरी बार असफाक हुसैन रिज़वी कार्यवाहक मोहम्मद अहमद वकील, सुरेश चंद्र तिवारी, रामशंकर गुप्ता कार्यवाहक, सईद अहमद अंसारी दो बार, अनीस आरा, मालती रमनगुप्ता और अब मौजूदा वक्त में हबीब अहम चेयर हैं। इस तरह अब तक 25 चेयरमैन हो चुकें हैं जिसमें पांच चेयरमैन कार्यवाहक बने तीन चेयरमैनों ने दूसरी बार भी जिम्मेदारी निभाई जबकि पुत्तन बाबू तीन बार चेयरमैन बन कर पालिका पर सबसे ज्यादा राज किया।