मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को लेकर बढ़ी जागरूकता 

एनएफएचएस-5 की ताजा रिपोर्ट से इस पर लगी मुहर
हरदोई।मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न  योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं को लेकर जहां महिलाओं में जागरूकता बढ़ी है वहीं इन योजनाओं के प्रति स्वीकार्यता भी बढ़ी है।
वह न सिर्फ अपने प्रति बल्कि गर्भस्थ शिशु और नवजात के प्रति भी अति संवेदनशील हुई हैं।इस बात के  पुख्ता सबूत  हाल ही में जारी राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण -5 (एनएफएचएस-5, 2020-21) के आँकड़े हैं।
 एनएफएचएस-5 के अनुसार,जिले में 68 फीसद महिलाओं ने  पहली तिमाही में अपनी और अपने गर्भस्थ शिशु की जांच करायी,जबकि साल 2015-16 में जारी एनएफएचएस-4 के आंकड़ों के अनुसार, 21.8 फीसद महिलाओं ने ही अपनी और अपने गर्भस्थ शिशु की जांच करायी थी।इसी तरह 39.7 फीसद महिलाओं ने गर्भावस्था के दौरान चार प्रसव पूर्व जाँचें कराई थीं जबकि 2015-16 के आंकड़ों के अनुसार केवल 10.3 फीसद महिलाओं ने चार प्रसव पूर्व जाँचें कराई थीं।एनएफएचएस-5 के अनुसार – खून की कमी से बचने के लिए 23.8 प्रतिशत महिलाओं ने 100 या उससे अधिक दिन तथा 13.2 प्रतिशत महिलाओं ने 180 या उससे अधिक दिन आयरन की गोलियों का सेवन किया था जबकि वर्ष 2015 -16 में यह आंकड़ा क्रमशः 13.1 और 1.1 फीसद था |
एनएफएचएस-5 के अनुसार 67 फीसद महिलाओं को प्रसव के दो दिन के अंदर डाक्टर,नर्स, एलएचवी,एएनएम या  अन्य किसी स्वास्थ्य कार्यकर्ता के द्वारा प्रसव पश्चात स्वास्थ्य सेवाएं मिलीं जबकि एनएफएचएस-4 में यह आंकड़ा 33 फीसद था |
एनएफएचएस-5 के अनुसार पाँच  फीसद बच्चे ऐसे हैं जिन्हें  घर में जन्म  के दो  घंटे के अंदर स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया और उनकी जांच की गयी जबकि एनएफएचएस-4 के अनुसार ऐसे 1.6 फीसद बच्चे थे।
परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुशील कुमार कहते हैं,स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति समुदाय की स्वीकार्यता एवं जागरुकता एनएफएचएस 4 के मुकाबले एनएफएचएस 5 में बढ़ी है लेकिन हमें अभी और प्रयास करना है ताकि अधिक से अधिक आबादी इन सेवाओं को स्वीकारे और अपनाए। इसके लिए हमारे स्वास्थ्य कार्यकर्ता बधाई के पात्र हैं  साथ ही समुदाय भी जिसने इन्हें स्वीकारा और सेवाओं के प्रति विश्वास जताया है।सरकार द्वारा मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए मातृ एवं नवजात  ट्रैकिंग एप (मंत्र) लॉन्च किया गया है,  जिसके माध्यम से गर्भवती और नवजात शिशु के स्वास्थ्य जांच की जानकारी आसानी से मिल सकेगी।

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