कछौना/हरदोई। तहसील संडीला में तैनात पूर्ति निरीक्षक अमित चौधरी द्वारा उचित दर विक्रेताओं से जमकर अवैध वसूली की जाती थी। पूर्ति निरीक्षक प्रति माह चालान शुल्क के नाम पर 800 रुपये, प्रतिमाह रजिस्टर उपलब्ध कराने के नाम पर 1200 रुपये व कोटा कार्ड के नाम पर कार्य के 21सौ रुपये प्रतिमाह कोटेदारों से व राशन उठान पर गोदाम से एक ट्रॉली पर 70 किलो ग्राम की अवैध कटौती व जांच के नाम पर जमकर अवैध वसूली की जाती थी। जिससे एक कोटेदार ने आजिज आकर पुलिस अधीक्षक भ्रष्टाचार निवारण संगठन लखनऊ में शिकायत की।
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने मंगलवार को पूर्ति निरीक्षक कार्यालय में कोटेदार से 10 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी को पूर्ति निरीक्षक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया। इस कार्यवाही से राशन माफियाओं के हौसले पस्त हैं। पूर्ति विभाग का भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं है, पास्को मशीन लगने के बावजूद कोटेदार राशन मनमाने तरीके से ओवररेट व घटतौली से बाज नहीं आ रहे हैं। इसके पीछे अहम कारण सत्ता पक्ष के नेताओं का संरक्षण के चलते गोदाम से राशन माफियाओं का खेल शुरू हो जाता है। गोदामों से राशन माफियाओं द्वारा कोटेदारों से राशन कटौती की जाती है। जिसके चलते कोटेदारों द्वारा उपभोक्ताओं को कम राशन व निर्धारित मूल से ज्यादा रुपये लेते हैं। शिकायत कर्ता उचित दर विक्रेता मो रफीक निवासी छुटई खेड़ा थाना कासिमपुर ने बताया, हमारे दुकान की शिकायत कर्ता कलावती के नाम से किसी ने झूठी शिकायत की थी। जिस पर दुकान निलंबित हो गई थी। उसने अपना शपथ पत्र देते हुए पत्र दिया,मेरे द्वारा शिकायत नहीं की गई। जिस पर वह हाईकोर्ट की शरण में गया। हाईकोर्ट से हमारी दुकान बहाल कर दी गई। पूर्ति निरीक्षक अमित चौधरी द्वारा कोटेदार से आए दिन अवैध वसूली की जा रही थी। वह लोगों से झूठी शिकायतें करा कर वसूली करते थे। इससे आजिज आकर कोटेदार ने पुलिस अधीक्षक भ्रष्टाचार निवारण संगठन से शिकायत की। भ्रष्टाचार निवारण संगठन टीम मुख्य निरीक्षक पीएन तिवारी,नूरुल उदा खान, मृत्युंजय कुमार मिश्रा, संजय सिंह,अभिषेक त्रिपाठी,सुनील राय,राजेश प्रताप सिंह ने शिकायतकर्ता की शिकायत पर मंगलवार की सुबह आरोपी को पूर्ति निरीक्षक कार्यालय संडीला में 10 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी के खिलाफ कोतवाली कछौना में मामला दर्ज कर न्यायालय के समक्ष पेश कर जेल भेज दिया गया। इस कार्यवाही से राशन माफियाओं में हड़कंप मच गया है।