हरपालपुर/हरदोई।विकास खंड हरपालपुर की ग्राम पंचायत सतौथा में शासन की योजनाओं मे व्यापक भ्रष्टाचार और उस पर पर्दा डालने के प्रयासो की कलई एक के बाद एक खुल रही हैं।अभी 2 दिन पहले ही राज्य वित्त से कराये गये कार्यों में अभिलेख प्रस्तुत न करने पर तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी पर एफआईआर के आदेश डीपीआरओ ने एडीओ पंचायत को दिये थे।
वहीं कल देर शाम डीसी श्रम रोजगार प्रमोद चंद्रौल ने तकनीकी सहायक मंजुल अग्निहोत्री व ग्राम विकास अधिकारी राणा रणंन्जय सिंह को नोटिस जारी कर 1 मार्च तक स्पष्टीकरण देने के आदेश दिये हैं।आपको बताते चलें कि कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के उद्देश्य से मनरेगा के तहत विभिन्न कार्य प्रत्येक गांव में करवाये गये थे। जिनमें जल संरक्षण के तमाम कार्य शामिल थे। जिस पर पूरे देश में हरदोई को द्वितीय स्थान भी प्राप्त हुआ था। परंतु विकास खंड हरपालपुर की ग्राम पंचायत में तालाब निर्माण व जीर्णोद्धार के नाम पर लाखों रूपये का बंदरबाट कर्मचारियो व अधिकारियों की मिलीभगत से कर डाला।ग्रामीणों द्वारा सीडीओ से मिलकर इस बाबत शिकायत कर जांच की मांग की गयी थी। जिस पर 20 फरवरी को जांच को पहुँचे उपायुक्त श्रम रोजगार प्रमोद सिंह चन्द्रौल नें निर्माण कार्य को मानक विहीन और अनुपयोगी पाया। ग्राम सतौथा में गाटा संख्या 217 पर कराये गये कार्य और क्रम संख्या 1 पर दर्ज आदर्श तालाब में इनलेट व आउटलेट पर व्यय तकरीबन 17 लाख रूपये के सापेक्ष कम कार्य होने और बीच बीच मे छोड़ छोड़ कर मनमाने ढंग से अनुपयोगी कार्य कराना होना पाया। जिस पर उन्होने दोनो तालाब कार्य के पुनर्रमूल्यांकन के आदेश तकनीकी सहायक मंजुल अग्निहोत्री को देते हुये ग्राम विकास अधिकारी राणा रणंजय सिंह को जांच के समय उपस्थित न रहने पर स्पष्टीकरण देने के आदेश जारी किये है।