सघन दस्त नियंत्रण पखवारा का शुभारम्भ, ओआरएस व जिंक के इस्तेमाल के बताये जायेंगे फायदे  

हरदोई।जिला महिला चिकित्सालय में सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.सूर्यमणि त्रिपाठी ने सघन दस्त नियन्त्रण पखवारा (आईडीसीएफ) का शुभारम्भ किया गया।
इस अवसर पर डॉ. त्रिपाठी ने कहा,यह अभियान 14 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान दस्त से बचाव एवं प्रबंधन के लिए विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाएँगी। इस अभियान के आयोजन का मुख्य उद्देश्य बाल्यावस्था में दस्त के दौरान मौखिक निर्जलीकरण घोल (ओआरएस) एवं जिंक के प्रयोग को बढ़ावा देना है। इसके तहत समुदाय में लोगों को इस बारे में जागरूक करने के साथ ही स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा ओआरएस बनाकर प्रदर्शित भी किया जाएगा। पखवारे के दौरान पांच साल से कम आयु के बच्चों में दस्त को कैसे रोकें और इनका उपचार कैसे किया जाये, इस बारे में समुदाय में लोगों को स्वास्थ्य कार्यकर्ता बताएँगे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा- दस्त का मुख्य कारण दूषित पेयजल,  स्वच्छता और साफ़ सफाई का अभाव होता है, इसलिए लोगों को स्वच्छता और हाथों की सफाई के बारे में बताया जायेगा।शौच जाने के बाद,खाना बनाने और खाने से पहले अपने हाथ साबुन से अवश्य धोएं। अभियान के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर ओआरएस पैकेट का वितरण करेंगे और इसके उपयोग के बारे में जानकारी देंगे।आशा कार्यकर्ता पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों के सभी परिवारों में, ऐसे परिवारों में जहाँ पांच वर्ष की आयु का कोई कुपोषित बच्चा है या ऐसा कोई परिवार जहाँ पांच वर्ष की आयु का बच्चा दस्त से ग्रसित है वहां दस्त के दौरान बच्चों को ओआरएस,तरल पदार्थ एवं जिंक का उपयोग करने  की सलाह देंगी।डा.  त्रिपाठी ने कहा- दस्त बंद हो जाने के बाद भी जिंक की खुराक दो माह से पांच साल तक के बच्चों को उनकी आयु के अनुसार कुल 14 दिनों तक जारी रखनी है।यदि जिंक और ओआरएस के उपयोग के बाद भी डायरिया ठीक न हो तो बच्चे को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएँ। पीने के लिए साफ़ पानी का प्रयोग करें।बीमारी के दौरान और बीमारी के बाद भी आयु अनुसार स्तनपान, ऊपरी आहार तथा भोजन जारी रखें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा- यह अभियान कोविड से बचाव के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आयोजित किया जायेगा।अभियान के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता लोगों को मास्क लगाने, दो गज की सामजिक दूरी का पालन करने और बार-बार हाथ धोने के बारे  में भी बतायेंगे।
इस मौके पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. प्रशांत रंजन, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.सुशील कुमार, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी प्रेम चंद यादव, क्वालिटी एश्योरेन्स कंसल्टेंट डा.दिलीप जयसवाल, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक सुजीत कुमार, जिला समुदाय प्रक्रिया प्रबन्धक शिव कुमार सिंह, परिवार कल्याण परामर्शदाता गरिमा शुक्ला और यूनिसेफ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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