नहीं रहे पूर्व प्रधान मिस्टर खां नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई

ग्राम पंचायत रहुला सहित क्षेत्रवासियों ने गहरा दुख व्यक्त किया बिलग्राम के बील वाले कब्रिस्तान में किया गया सुपुर्द ए ख़ाक

*कमरुल खान बिलग्राम*

 

बिलग्राम हरदोई ।। पूर्व प्रधान मोहम्मद जमा खां उर्फ मिस्टर प्रधान को गुरुवार मोहल्ला काजीपुरा स्थित बील वाले कब्रिस्तान में दोपहर जोहर नमाज़ के बाद सुपुर्द ए ख़ाक किया गया। उनका निधन बुधवार शाम लगभग 5:30 बजे उनके नगर स्थित आवास पर हुआ था निधन की सूचना मिलते ही नगर सहित उनकी ग्राम सभा में शोक की लहर दौड़ गई और सैकड़ों लोग उनके आवास पर श्रद्धांजलि देने पहुंच गये।आपको बता दें कि मिस्टर प्रधान के मिलनसार स्वभाव और व्यवहार कुशलता के कारण लोग आप से हमेशा जुड़े रहते थे आप ने ग्राम पंचायत रहुला की जनता की प्रधान रहते हुए दस साल सेवा की जबकि आपके पिता हाजी यासीन खां एक दसक से अधिक वर्षों तक रहुला के ग्राम प्रधान रहे।बताया जाता है कि मिस्टर प्रधान के पिता हाजी यासीन खां जिला औरेया थाना बेला क्षेत्र के बडेराहार गांव के रहने वाले थे जिनका निकाह रहुला निवासी नजीर खां की पुत्री शरीफन के साथ हुआ था जिन्हें गांववासी प्यार से बुइया कहते थे। शरीफन अपने पिता की इकलौती बेटी थी इसी लिए शादी के पश्चात आपके पति हाजी यासीन खां अपना पुश्तैनी गांव छोड़ कर रहुला में आकर मुकीम हो गये।

वो घर जहां मोहम्मद जमा खां उर्फ मिस्टर प्रधान का जन्म हुआ

जिसके बाद यहीं पर मिस्टर प्रधान व तीन अन्य बहनों का जन्म हुआ और यहीं पले बढ़े आप सबकी परवरिश बेहद रइईशाना माहौल में हुई मिस्टर प्रधान की शुरुआती शिक्षा गांव में हुई और कक्षा छह से लेकर आठ तक आपने बिलग्राम के ऊपर कोट स्थित स्कूल में पढ़े उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए आपने कन्नौज का रुख किया और वहां पढाई की कहा जाता है कि आजादी के बाद जमींदारी समाप्त हुई और विकास खण्ड के द्वारा जब पहला हाथ उठाकर पंचायत चुनाव कराया गया तो हाजी यासीन और गांव के ही बिंदा कटियार के बीच ये चुनाव हुआ जिसमें मिस्टर के पिता हाजी यासीन बिंदा कटियार को हरा कर चुनाव जीत गये। जिसके बाद आप एक दसक से अधिक, लगातार रहुला के प्रधान रहे। और जनता की सेवा की। इसके बाद राजनीति ने करवट बदली तो गांव के रहीम खां प्रधान बन गये उन्होंने भी गांव को आगे बढ़ाने का काम किया इस दौरान मोहम्मद जमा खां उर्फ मिस्टर राजनीति का मर्म समझ चुके थे। उन्हें चुनाव कैसे लड़ना है और किस को किसके जरिये अपने पाले में लाना है ये मिस्टर को बखूबी आने लगा था सन 1982 में आपने रहीम खां के खिलाफ पहला चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की जिसके बाद रहुला विकास की ओर अग्रसर होने लगा आप अपनी प्रधानी के दौरान रहुला में हर वो काम कराया जो उसके लिए जरूरी था प्रधान रहते हुए आपने ही पूरे गाँव की गली मोहल्लों में खडंजे का कार्य कराया आपके ही प्रयास से गांव में विद्युतीकरण हुआ इसके अलावा सरकारी अस्पताल प्राइमरी व जूनियर हाई स्कूल भी गांव में आप की देन है यही नहीं गांव के बाहर भी आपने बिलग्राम से रहुला होते हुए जफरपुर तक खडंजे का कार्य उस वक्त लोकनिर्माण मंत्री रहे बेनीप्रसाद वर्मा से स्वीकृत करा कर उसे बनवाने में अहम योगदान निभाया इसी लिए आपको लोग आज भी विकास पुरुष के नाम से याद करते और आप के चले जाने के बाद विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

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One comment

  1. Thanks for share this news ????️ my late nana Mr Pradhan zama saheb bilgram

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