November 18, 2025 1:12 pm

हास्य कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी रचनाओं से गुदगुदाया

ठंड में भी अपनी कुर्सियों पर डटे रहे श्रोता
हरदोई। मेला महोत्सव के चौथे दिन हास्य कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी रचनाओं से ऐसा समां बांधा कि श्रोता सर्द मौसम में भी देर रात तक कुर्सियों पर डटे रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यातिथि जिलापंचायत अध्यक्ष प्रेमावती वर्मा, विशिष्ट अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष सुखसागर मिश्र ‘मधुर’ व भाजपा के अवध क्षेत्र के मंत्री पी के वर्मा ने संयुक्त रूप से  दीप प्रज्ज्वलन व मां शारदा के चित्र पर माल्यार्पण कर किया।कवि सम्मेलन की शुरुआत सीतापुर से आये गीतकार जगजीवन मिश्र की वाणी वन्दना से हुई।
हरदोई के युवा कवि दिव्यांशु शुक्ल ने “वो नभ का स्वच्छंद परिंदा,रंग बिरंगे पंखों वाला।”कविता पढ़ तालियां बटोरी।लखीमपुर से आये हास्य कवि विशेष शर्मा ने”कविता शारदा भवानी है,कविता कवि क्यार समर्पण है।कविता है तेज प्रकाश पुंज,कविता समाज का दर्पण है।”कविता पढ़ वाहवाही लूटी।रायबरेली से पधारे गीतकार डॉ गोविन्द गज़ब का गीत”रखने को मान प्रेम का सब जानते हुए।
भगवान  भी सोने का हिरण ढूढ़ रहे हैं।”काफी सराहा गया।उन्नाव  से आये ओज कवि विश्व की”समय की आंधियों के बीच में रहकर पले हैं हम।कठिन हर धार के विपरीत ही बढ़ते चले हैं हम” “कविता काफी सराही गई।पीलीभीत से आई श्रृंगार की कवयित्री एकता भारती ने “पढ़ तालियां बटोरी।मुझको अपने अधर से लगा ले ज़रा,साँवरे मै तेरी बाँसुरी हो गई।”गीत पढ़ तालियां बटोरीं।
       संयोजक हास्य कवि अजीत शुक्ल ने दलबदल पर अपनी हास्य रचना “चाटुकारिता के फण्डे बदल रहे हैं,आ गया चुनाव तो झण्डे बदल रहे हैं।”पढ़कर श्रोताओं को खूब गुदगुदाया।मैनपुरी से आये ओज कवि मनोज चौहान की देशभक्ति पूर्ण रचनाओं से पूरा पांडाल भारत माता की जयकार से गूंज उठा।मनोज चौहान की रचना”उठी अब तक नहीं है जो किसी दरबान की ख़ातिर।इबादत में सदा उठती रही ईमान की ख़ातिर।।मेरे मालिक मेरे दाता फ़क़त इतना हुनर देदे,कलम जब भी उठे तो हिन्द के सम्मान की ख़ातिर।।”पढ़ तालियां बटोरी।सीतापुर से आये गीतकार
जगजीवन मिश्र ने “प्यार को मदभरी इक नजर चाहिए,
प्यार करना है तो फिर जिगर चाहिए”गीत पढ़ समां बांधा।कार्यक्रम का संचालन कर रहे बनारस से आए प्रसिद्ध हास्य कवि दमदार बनारसी के काव्य पाठ के दौरान श्रोता लोटपोट गए।इसके साथ ही उनकी रचना “कविता राजनीति में जा कर, राजधर्म समझाती है।कविता राष्ट्र वंदना का स्वर, जनगणमन भी गाती है।।”को काफी पसंद किया गया।हरदोई से वरिष्ठ कवि श्रवण मिश्र ‘राही’ ने “दूसरों की तो  कमी  देखता है  हर कोई।
अपने दामन पे नहीं डालता नजर कोई” गजल पढ़ कार्यक्रम का शानदार समापन किया।आयोजक रवि किशोर गुप्ता ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
          कार्यक्रम में अखिलेश गुप्ता,आयुषी रस्तोगी,कुलदीप द्विवेदी, दीपक कपूर, आशु गुप्ता,अवनीश कुमार,अलोकिता श्रीवास्तव,भरत पाण्डेय, आयुषी अस्थाना, प्रिया सिंह, विशाल सिंह, अभय शाह आदि प्रमुख रूप से रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें

Marketing Hack 4U

Cricket Live Score

Rashifal

और पढ़ें