पुरातत्व विभाग ने किया स्थलीय निरीक्षण
*कछौना, हरदोई।* विकासखंड कछौना के अंतर्गत ग्राम सभा तेरवा दहिंगवा में एक किसान को खेत की खुदाई के दौरान एक पुरानी धातु का ईंट के रूप में उपकरण मिला। किसान ने जागरूकता का परिचय देते हुए उस उपकरण को पुरातत्व विभाग को सौंप दिया। पुरातत्व विभाग के अनुसार यह उपकरण गैरिक मृदमांड संस्कृति कालक्रम 2020 ईसापूर्व का है। लगभग 4000 वर्ष पूर्व सभ्यता का है। प्राचीन सभ्यता के अवशेष की जानकारी की संभावना के तहत पुरातत्व विभाग दिल्ली की चार सदस्य टीम ने मंगलवार को पहुंचकर स्थली निरीक्षण किया।
मिली जानकारी के अनुसार तेरवा दहिंगवा के किसान रामचंद्र प्रजापति एक माह पूर्व खेती की मिट्टी की खुदाई की जेसीबी से कर रहे थे। उसी दौरान उसे पुराना ठोस उपकरण ईंट के रूप में मिला। जिसकी जानकारी किसान ने अपने दिल्ली में बड़े भाई प्रवक्ता शिक्षक महावीर प्रजापति को दी, उन्होंने वह उपकरण पुरातत्व विभाग को सौंप दिया। जो तावे की धातु का काफी पुराना उपकरण हैं। पुरातत्व विभाग ने पुरानी सभ्यता की संभावना के तहत मंगलवार को डॉ० विनय कुमार गुप्ता, अधीक्षण पुरातत्व विद उत्खनन शाखा द्वतीय कार्यालय ग्रेटर नोएडा के नेतृत्व में डॉ० विनय कुमार, राय कुमार, गौरव, अंकित नागर ने मौके पर पहुंचकर स्थलीय निरीक्षण किया। टीम ने मिट्टी की खुदाई की। मिट्टी उपकरण के अवशेष के नमूने को जांच के लिए ले गए। पुरातत्व विद ने बताया यह गैरिक मृदमांड का हैं। यह सभ्यता 2000 ईसापूर्व लगभग 4000 वर्ष पुरानी है, जो गदाधारी के मध्य की है, ऐतिहासिक सभ्यता है। जिसके बारे में ज्यादा जानकारी अभी नहीं है। यह धातु संग्रहालय में रखा जाएगा। इस तरह के उपकरण पूर्व में सैफई व बदायूं में मिल चुके हैं। इस सभ्यता का क्या उद्देश्य था? इसका जीवन यापन कैसा था? इसका क्या महत्व है? यह उपकरण पुरातत्व व संस्कृत की जानकारी की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह उपकरण मिलने से गांव वाले काफी उत्साहित हैं। ग्राम प्रधान राजेश कुमार सिंह ने बताया जांच टीम का पूरा सहयोग किया जा रहा है। ग्रामीणों का अलग-अलग तरह की अटकलें का दौर जारी है।
रिपोर्ट – पी०डी० गुप्ता