हरदोई।स्वामी विवेकानंद परिव्राजक के मार्गदर्शन और आशीर्वाद से हरियावां ब्लॉक के गांव खेरिया में आचार्य प्रताप नारायण अवस्थी ने पांच बटुकों (निर्भय मिश्र, देवेश त्रिवेदी, अवनीश तिवारी, गौतम त्रिवेदी व ऋषिकांत) को मंत्रोच्चार के साथ यज्ञोपवीत धारण करवाते हुए इसकी उपयोगिता व नियमों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जनेऊ धारण करना व इसके नियमों पर दृढ़तापूर्वक चलना प्रत्येक ब्राह्यण का नैतिक कर्तव्य है।
खेरिया स्थित प्राच्य विद्या केंद्र के संस्थापक डॉ राजेश मिश्र ने कहा, जिस प्रकार जनेऊ धारण करने का मंत्र होता है ठीक उसी प्रकार जनेऊ उतारने का भी मंत्र होता है। उन्होंने कहा जनेऊ कोई कपड़ा नहीं जिसे जब चाहा उतार दिया और जब चाहा पहन लिया। कहा,इसके पहनने और उतारने का ऋषियों ने विधान बनाया है। डॉक्टर मिश्र ने कहा ब्रह्मचारी सुबह-शाम संध्या व हवन करने का व्रत लें। पवित्र कमाई का खाएं और खिलाएं।
अभियोजन अधिकारी पद्मनाभम् स्वामी ने कहा वैदिक मंत्रों से हुए इस यज्ञोपवीत संस्कार को देख कर अच्छा लगा। कहा, हर जगह इसी तरह से संस्कार होने चाहिए। इस अवसर पर कवयित्री प्रज्ञा मिश्रा ने अपनी कविता के माध्यम से ब्रह्मचारियों को दिग्दिगंत तक सनातन वैदिक धर्म ध्वज लहराने के साथ-साथ ओजस्वी-तेजस्वी बनने का संदेश दिया।
जिला कमांडेंट राघवेंद्र शुक्ल ने कहा कि वे जब-जब खेरिया आये, तब कुछ अच्छा देखने को मिला। कहा, इस तरह से उपनयन संस्कार होते देखकर उन्हें बड़ी प्रसन्नता हुई है। आचार्य रमेश चंद्र शुक्ल और राष्ट्रपिता इंटर कॉलेज के पूर्व प्राचार्य सुदामा प्रसाद त्रिवेदी ने भी संबोधित किया।
डॉ श्रुति दिलीरे, वीरेंद्र मिश्र, सत्य प्रकाश मिश्र, अभिषेक पांडे, गोविंद गुप्त, प्रदीप पांडे, मुदित त्रिपाठी, अभय मिश्र सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।