सट्टेबाज सरगनाओं पर मेहरबानी,पुलिस गुर्गों का चालान कर थपथपा रही पी
हरदोई में पुलिस सट्टेबाज सरगनाओं के गुर्गों को गिरफ्तार कर वाहवाही लूटने में जुटी है।दरअसल शहर में विभिन्न जगहों पर सट्टे का कारोबार चरम पर है,जिसका अंजाम गरीबों और युवाओं को भुगतना पड़ता है।पुलिस ने बुधवार को छापा मारकर 4 सट्टेबाजों को रंगे हाथों गिरफ्तार करने का दावा किया,जबकि सट्टेबाज़ी के धंधे के मास्टर माइंड और उसके प्रमुख गुर्गों की धूल तक नहीं पा सकी और ना ही जिक्र किया।चर्चा है कि जब कार्रवाई के लिए अफसरों की ओर से दबाव बनाया गया तो इलाकाई पुलिस ने 4 नई उम्र के लड़कों को सट्टेबाज बताकर उनका चालान कर दिया और कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर दी।लोगों का कहना है कि एक चार पहिया लक्जरी वाहन से सट्टेबाजी के आरोपियों को कोतवाली लेकर जाया गया और आधे घंटे बाद उसी लक्सरी वाहन से सभी को वापस लाया गया,ऐसे में बड़ा सवाल है कि सट्टेबाजों के खिलाफ पुलिस की यह कैसी कार्रवाई है।
गुरुवार को कोतवाली शहर इलाके की रेलवेगंज पुलिस ने ममतेज़,शिवा,अमित और राजन नाम के चार युवकों को सट्टा खिलवाने के आरोप में रंगे हाथों गिरफ्तार करने का दावा किया।पुलिस के मुताबिक मटका,पर्ची सट्टा खेले जाने की सूचना मिली थी जिसके बाद पुलिस ने छापा मारा तो सट्टा खिलवाते उक्त चारों को मौके से गिरफ्तार किया गया,इनके कब्जे से सट्टा की पर्ची और नकदी बरामद की गयी।पुलिस ने 4 युवाओं को सट्टेबाजी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया जबकि सट्टेबाजी के धंधे का मास्टरमाइंड कौशल मामा और उसके प्रमुख गुर्गों को गिरफ्तार नहीं कर सकी।सूत्रों के मुताबिक जब अफसरों की ओर से सट्टेबाजों पर कार्रवाई के लिए दबाव डाला गया तो साहब को दिखाने के लिए स्थानीय पुलिस द्वारा मास्टरमाइंड के गुर्गों से चार युवकों को चालान करने के लिए मांगा गया,रेलवेगंज के जिस गिप्सनगंज में पुलिस ने छापामार कार्रवाई का दावा किया वहां छापेमारी हुई ही नहीं।सूत्रों के मुताबिक जिंदपीर चौराहे पर रहने वाले एक सटोरिए द्वारा 4 लड़कों को बुलाकर लक्जरी कार से कोतवाली ले जाया गया जहां आधे घंटे में कागजी खानापूर्ति और फोटो सेशन कराकर मुचलके पर सभी को छोड़ दिया गया।ऐसे में सट्टेबाजों का शिकार होकर अपना सब कुछ गंवा चुके लोगों और आम जनमानस का सवाल है कि आखिर सट्टेबाजों पर प्रभावी कार्रवाई की बजाए इतना रहम क्यों।लोगों का कहना है कि सट्टेबाजों के खिलाफ पुलिस की यह कार्रवाई कैसी ?
गौरतलब है कि शहर में अवैध पर्ची सट्टा और जुएं के करोड़ों रुपये के अवैध कारोबार को कैनाल रोड पर रहने वाला कौशल गुप्ता मामा नाम का एक व्यक्ति चलाता है जो इस पूरे गोरखधंधे का मास्टरमाइंड है।शहर में मामा नाम के इस व्यक्ति का नेटवर्क फैला हुआ है,सट्टे का यह पूरा कारोबार मामा के नेतृत्व में उसके गुर्गे मोनू पाल,डंकली,सुनील,टुनटुन और राजू मिलकर संभालते हैं,जो सट्टे का पैसा और सट्टे में लगाए हुए नंबरों की पर्ची एकत्रित करवाते हैं।
पर्ची सट्टा सुबह 6 बजे से ही शुरू होता है और आखिरी नंबर रात 12 बजे आता है।भोले-भाले लोग लालच बस 1 से 100 नंबर के चुनाव में एक नंबर पर रुपये लगाते हैं और वह नंबर आने पर उनको 10 रुपये पर 800 रुपये मिलते हैं जबकि शेष 99 अंकों पर रुपए लगाने वाले लोगों के रुपए सट्टेबाज की जेब में जाते हैं और उसे अच्छा मुनाफा होता है जबकि इसमें चंद लोग ही जीतते हैं और अधिकतर लोग बर्बाद हो जाते हैं।बड़े पैमाने पर रेलवेगंज,गिब्सनगंज,अरुणा पार्क के निकट,जिंदपीर चौराहा,नईबस्ती,रेलवे स्टेशन,डाक बंगला चौराहा,झबरापुरवा,आजादनगर में सट्टेबाजों का अड्डा लगता है।सट्टे के अड्डे के लोग पर्ची सट्टा के एजेंटों को अपनी पर्ची बनाकर दे देते हैं और वह लोग उनके नंबरों को बाजार तक पहुंचा देते हैं।जैसे ही वह नंबर मोबाइल वेबसाइट पर शो होता है तो वह लोग एजेंट के पास जाकर अपना रुपया ले लेते हैं।इसमें युवा,मजदूर पेशा लोग और नाबालिग बच्चे भी प्रलोभन में आकर इनके शिकार हो जाते हैं,जिसका खामियाजा युवा पीढ़ी और गरीबों के परिवारों को भुगतना पड़ता है।ऐसे में शहर के बाशिंदों की डीजीपी की मित्र पुलिस से मांग है कि शहर में सट्टा संचालन पर रोक लगाकर इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए,जिससे गरीबों के परिवारों में खुशहाली आ सके और युवा पीढ़ी अच्छा रास्ता अख्तियार कर सके। लोगों का कहना है कि पुलिस इनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करे ना कि खानापूर्ति।ऐसे में अब देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस इन सट्टेबाजों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई कब तक करेगी या फिर ऐसे ही खानापूर्ति कर सट्टे के सरगनाओं को बचाती रहेगी।














