सरवन और स्लामुद्दीन ने संभाला जुएं के अड्डों का चार्ज

Arvind Tiwari

हरदोई में जुए का कारोबार जिम्मेदारों की सरपरस्ती में तेजी के साथ फल फूल रहा है,आलम यह है कि गल्ला मंडी समेत शहर के कई ठिकानों पर जुए का कारोबार धड़ल्ले से संचालित किया जा रहा है,सट्टे के कारोबार पर पुलिस ने शिकंजा कसा तो कुछ दिनों के लिए सट्टा बंद हुआ लेकिन जैसे ही कुछ दिन बीते सट्टा किंग के गुर्गे फिर से सक्रिय हो गए और अपना जाल फैलाना शुरू कर दिया,गल्ला मंडी में इन दिनों सट्टा किंग के दो गुर्गों सर वन और स्लामुद्दीन ने जुएं के अड्डों की कमान संभाल रखी है,रात के जैसे ही 10 बजते हैं गल्ला मंडी परिसर में जुए का कारोबार शुरू हो जाता है और फिर शहर ही नहीं आसपास जिले के जुआरियों की महफ़िल सजने लगती है,जुए के इस कारोबार में सिराजू नाम के युवक का नाम भी तेजी के साथ उभर कर सामने आ रहा है,बताया जा रहा है कि सिराजू अपने कई साथियों के साथ हरदोई नर्सिंग होम के पीछे, बंसी नगर में पार्क के पास और बड़े चौराहे पर गली में बड़े पैमाने पर जुएं का संचालन कर रहा है।

दरअसल शहर में जुआरियों को जुआ खेलने के लिए कुछ सुरक्षित ठिकाना चाहिए होता है,ऐसे में उन्हें सुरक्षित ठिकाना सट्टा किंग के गुर्गे सर वन और स्लामुद्दीन मुहैया कराते हैं,लोगों का कहना है कि गल्ला मंडी में सर वन और स्लामुद्दीन ने 3 दुकानदारों से जुआ कराने के लिए सांठगांठ कर रखी है,जिस रात जिस दुकान में जुआ होता है, उस रात उस दुकानदार को 2000 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से किराए के तौर पर दिया जाता है और रात भर दुकान में जुआ चलता है,फिर सभी जुआरी सुबह अपने अपने घरों को निकल जाते हैं,कुछ यही हाल कोतवाली शहर क्षेत्र में सांडी रोड स्थित राजेपुर गांव का है जहां एक मकान को 2000 रुपये प्रतिदिन के किराए पर लेकर यह लोग जुएं का कारोबार संचालित करते हैं,कभी कभी यहां खेत पर भी जुएं का अड्डा सजता है,यहां आसपास जिलों के जुआरियों की महफिल लगती है और लाखों नहीं बल्कि करोड़ों रुपए का प्रतिदिन खेल होता है,सर वन और स्लामुद्दीन मंडी परिसर और राजेपुर में किराए के मकानों में अदल बदल कर दिन और रात में जुएं का कारोबार संचालित करते हैं।

शाम ढलते ही जुआरी सक्रिय हो जाते हैं और रात 10 बजे का इंतजार करने लगते हैं,10 बजने के बाद धीरे-धीरे गल्ला मंडी परिषद फेस टू में लग्जरी गाड़ियों से आने वाले जुआरियों की महफिल लगने लगती है,जिसके बाद जुए का दौर शुरू होता है कहते हैं कि जीतने वाले की तो बल्ले बल्ले होती है लेकिन जो जुआरी जुएं में हारता है उसे आंसू पोंछने के लिए अंग्रेजी शराब का एक पौवा और 500 रुपये फ्री में दिए जाते हैं,जिससे वह अपना गम मिटा सके,ऐसे में रात के अंधेरे में जुआरियों और शराबियों की महफिल लगती है और अपराध को अंजाम दिया जाता है,जिसके सबसे बड़े गुनहगार सट्टा किंग और उसके गुर्गे हैं, जो अवैध काले कारोबार को संचालित कर रहे हैं,जिनके झांसे में आकर युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है और गलत रास्ते पर जाने के लिए मजबूर है,लोगों का यहां तक कहना है कि जुए में हार कर लोग बर्बाद हो जाते हैं तो युवा पीढ़ी अपराध का रास्ता भी चुन लेती है,इन दोनों के खिलाफ आम जनमानस ने कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

हाल ही में पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने सट्टे और जुए के कारोबार को बंद कराने के निर्देश इलाकाई पुलिस को दिए थे,जिसका असर भी हुआ और शहर में जुए सट्टे के कारोबार पर अंकुश भी लगा लेकिन कुछ दिन मामला ठंडा पड़ा तो स्थानीय पुलिस से सट्टा किंग के गुर्गों ने सांठगांठ कर ली और रात के अंधेरे में अपराध करने का अभयदान पा लिया,यही वजह है कि अपराध पर अंकुश लगाने वालों का अभयदान पाकर गल्ला मंडी, राजेपुर समेत शहर के विभिन्न जगहों पर खुलेआम जुए के अड्डे संचालित किए जा रहे हैं,बस सिर्फ बदला है तो तरीका दिन की बजाय अब रात में अवैध काले कारोबार को बेखौफ अंदाज़ में आगे बढ़ाया जा रहा है,सूत्र बताते हैं कि अफसरों को पूछने पर यह बताया जा सके कि साहब काला कारोबार बिल्कुल बंद है और कारोबार का संचालन भी जारी रहे ताकि जुआरियों का सेवा भाव भी मिलता रहे,यही वजह है कि समय और अड्डे बदलकर जुएं के कारोबार को नित नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा रहा है और जिम्मेदार अपनी आंखों पर पट्टी बांधे बैठे हैं।

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