कम शिकायतें दिखा कर खूब लूटी जा रही वाहवाही
कमरुल खान
बिलग्राम हरदोई। । जनसमस्याओं के त्वरित निस्तारण एंव सरकारी महकमों की कार्यशैली ठीक कराने के उद्देश्य से समाधान दिवस का आयोजन किया जाता है। किंतु तहसील समाधान दिवस में आम जनता द्वारा दी गई शिकायतों को ही गायब कर दिया जाता है। और कम शिकायत आईं दिखा कर खूब वाह वाही लूटी जाती है। परिणाम स्वरूप जनता उच्च अधिकारियों के पास चक्कर काटने के बाद जब काम नहीं होता है तो घर बैठने को विवश हो जाता है। ताज़ा मामला बिलग्राम तहसील का सामने आया है यहां पर पिछली 19 सितंबर को संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया था जिसमें जिलाधिकारी महोदय को पहुंचना था लेकिन किसी कारणवश वो समाधान दिवस में नहीं पहुंच पाये, उनके अलावा जिले के तमाम उच्चाधिकारियों ने शिरकत की इसी समाधान दिवस में अपनी पट्टे की जमीन पर कब्जा दिलाये जाने के लिए नबी बख्श भी शिकायती पत्र लेकर 1:30 मिनट पर वहां पहुंचे लेकिन गेट पर मौजूद मिश्रीलाल ने ये कह कर उन्हें वापस जाने के लिए कह दिया की पावती रसीद बुक खत्म हो गयी हैं। अगली बार आना, जब प्रार्थी ने मिन्नतें की तो मोहर लगा कर बाकायदा शिकायत संख्या डाली और उसे अधिकारियों को दे आने के लिए कहा उसी दौरान एक पत्रकार महोदय के द्वारा उस शिकायती पत्र की मोबाइल से फोटो खींच ली गई लगभग एक सप्ताह के बाद जब संबंधित विभाग के लेखपाल से उस शिकायत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने साफ मना कर दिया कि मेरे पास ऐसी कोई शिकायत नहीं पहुंची तब जाकर इस गोलमाल का पर्दाफाश हुआ सूत्र बताते हैं कि हर समाधान दिवस में रसीद बुक खत्म हो गयी कह कर सैकड़ों शिकायतों को इधर-उधर कर दिया जाता है। या फिर भोले-भाले फरियादियों को घर वापस भेज दिया जाता है। इसी लिए भागदौड़ के बाद भी जब काम नहीं होता तो विवश होकर फरियादी घर बैठ जाता है ऐसा ही नवीबख्श के साथ हुआ है ये अपनी जमीन पाने के लिए पिछले बीस वर्षों से भागदौड़ कर रहे हैं लेकिन भष्ट सिस्टम और लचर प्रणाली के चलते आज भी अपनी जमीन पर हल नहीं चला पाये हैं।