बारिश में कार्यालय,बैरक व आरक्षी आवासों की टपकती हैं छतें
निखिल दिक्षित
हरपालपुर,हरदोई।कोतवाली हरपालपुर का कार्यालय व बैरक 115 वर्ष पुराने खैरूद्दीनपुर स्टेट के राजा के घुड़साल में 60 साल से संचालित हो रहा है। बरसात के दौरान कार्यालय,बैरको व आरक्षी आवासों की छतों से पानी टपकता है।जिससे पुलिस कर्मियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।कोतवाली के नए भवन निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है वह अभी तक लंबित है।वर्ष 1905 में बने खैरूद्दीनपुर स्टेट के राजा के घोड़ों के लिए बने घुड़साल में हरपालपुर थाने का संचालन 1961 में शुरू हुआ था। इसके पहले तक यह क्षेत्र सांडी थाने के अंतर्गत आता था। हरपालपुर थाने के अंतर्गत 79 राजस्व गांव समेत करीब एक सैकड़ा मजरो की करीब ढाई लाख आबादी आती है। गाटा संख्या 857 के0.392 हेक्टेयर व गाटा संख्या 858 के 0.194 हेक्टेयर भूमि पर 1180.48 वर्ग मीटर भवन बना हुआ है। जो काफी जर्जर हालत में है।इसके अलावा 1006.50 वर्ग मीटर जमीन खाली पड़ी है ।पूरे थाना क्षेत्र का क्षेत्रफल 310 वर्ग किलोमीटर है।हरपालपुर कोतवाली में दो प्रभारी निरीक्षक के अलावा सात उप निरीक्षक तीन मुख्य आरक्षी, 34आरक्षी व 12 महिला आरक्षी एक महिला उपनिरीक्षक एक चालक आरक्षी की तैनाथीहै। तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक भगवान चंद्र वर्मा ने तीन वर्ष पूर्व जनसहयोग से आगंतुकों के बैठने के लिए बरामदा व बाउंड्री वाल का निर्माण कराया था।थाना परिसर में कुल छःआरक्षी आवास व दो बैरके पहले से बनी थी। पाँच पूर्व 6 कमरे बनवाए गए थे।कोतवाली परिसर में पर्याप्त आरक्षी आवास न होने से सिपाहियों को रहने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। वही देखा जाए तो आरक्षण से लेकर महिला आरक्षी की पर्याप्त व्यवस्था ना होने के चलते उन्हें किराए के मकान रहना पड़ रहा है।वही हरपालपुर कोतवाली में खड़े 66 पेड़ो की कुछ दिन पूर्व वन विभाग एवं उप जिला अधिकारी सवायजपुर राकेश कुमार सिंह क्षेत्राधिकारी हरपालपुर विनोद कुमार द्विवेदी के समक्ष 6.35 लाँख की नीलामी हुई थी। प्रभारी निरीक्षक सुनील कुमार सिंह ने बताया कि कोतवाली के भवन निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा गया। प्रस्ताव अभी शासन में लंबित है।