कटौती के वावजूद भी मिलता कोटेदारो से खाद्यान।
बालविकास परियोजना की जमीनी हकीकत।
धौरहरा खीरी।केन्द्र सरकार व प्रदेश सरकार के निर्देश पर गरीब कल्याण योजना व कमजोर,मानसिक विप्क्षित बच्चो,किशोरियो,गर्भवती धात्री महिलाओ के लिऐ चलाई जारही बाल विकास एवं पुस्टाहार विभाग द्वारा अधिकारियो के दम से चल रही योजनाओ मे खुलेआम जमकर भ्रस्टाचार जारी है।जबकि प्रदेश मे माह मे दो बार गरीब कल्याण योजना के तहत खाद्यान वितरण अन्तोदय कार्ड पर 35 किलो व पात्र ग्रहस्थी से 5 किलो प्रति यूनिट की दर से राशन कार्डधारको को दिये जाने के निर्देश होने के बावजूद विभागीय मिलीभगत से अन्तोदय कार्डधारको को 28- 30 किलो राशन व पात्र ग्रहस्थी से 4 किलो का वितरण होता है।भला हो सरकार व विभागीय अधिकारियो की मेहरबानी के दम से कोटेदारो द्वारा इतना वितरण तो होता है।जिससे गरीबो का पेट भर रहा है।
ठीक इसके उलट बालविकास पुष्टाहार विभाग के द्वारा गरीब व कुपोषितो के लिऐ योजना मे खुला खेल विभागीय मिलीभगत से जारी है।ज्ञात हो तहसील क्षेत्र के विकास खण्ड रमियाबेहढ 204,ईसानगर 268 व धौरहरा मे 160 आगंनवाडी केन्द्रो के तहत कुपोषित,किशोर किशोरियो व गर्भवती धात्री महिलाओ के चल रही स्कीम के तहत पौष्टिक आहार चनादाल,खाद्य तेल,दलिया व राशन देय है।बताया जाता है क्षेत्र मे चल रहे आगंनवाडी केन्द्रो मे से आधे केन्द्रो का सचांलन कर्ती लखीमपुर व लखनऊ निवास करती है।तो आसानी से समझा जा सकता कि सरकार की योजना की दशा क्या होगी।क्षेत्र मे तैनात कार्यकर्तियो व उनके परिजनो द्वारा खुलेआम खाद्यतेल व अन्य सामग्री बेचकर गुजारा करते है।नाम न छापने की शर्त पर ईसानगर व रमियाबेहढ की लगभग दो दर्जन से अधिक आगंनवाडी कार्यकर्तियो ने बताया कि विभाग से मिलने वाली खाद्य सामग्री बेचना हमारी मजबूरी है।गोदाम से कम देकर शुरुआत होती है।उपर से ₹1000 अलग से विभाग मे जमा करना पडता है।बहुत सारे केन्द्र मौके पर बंद रहते है व कभी खुलते ही नही उनको ₹3000 देय होता है।अगर समय पर पैसे जमा नही तो उठान करने मे परेशानी आयेगी।मजबूरी मे हमलोग ऐसा कदम उठाते है।