बेनीगंज/हरदोई_ सड़क से लेकर खेतों तक निराश्रित गौवंश का जमावड़ा लगा हुआ है। खेतों में घुसकर गौवंश फसलों को चौपट कर रहे हैं, इससे किसानों को नुकसान ही नहीं हो रहा बल्कि पहरेदारी को भी मजबूर हो गए हैं। तमाम गांव में रात रात भर जागकर किसान खेतों से पशुओं को खदेड़ने में लगे रहते हैं। वहीं सड़कों पर घूम रहे गौवंश से राहगीरों को हादसे का खतरा बना है। इस क्षेत्र के सिर्फ गांव ही नहीं बल्कि कस्बे की मुख्य सड़क पर गौवंश घूमते नजर आ रहे हैं। निराश्रित गौवंश के लिए प्रशासन की ओर से तमाम इंतजाम किए गए। गोशालाएं खोली गईं, गौ संरक्षण केंद्र और कान्हा पशु आश्रय स्थल खोले गए लेकिन ये तमाम इंतजाम अब नाकाफी साबित हो रहे हैं। बेनीगंज क्षेत्र में कोई भी सड़क या गांव ऐसा नहीं हैं, जहां निराश्रित गौवंश घूमते ना मिले। अब तो हालात यह हैं कि मजबूर किसान गांवों से गौवंश को घेर कर कस्बे की कान्हा गौशाला के पास में छोड़ आते हैं, जिससे गौशाला कर्मचारियों एवं किसानों के मध्य नोक झोंक होना सगल बन गया है व्यवस्थापक मिलन तिवारी के अनुसार गौशाला में 200 गौवंश मौजूद है अब अधिक नहीं रखे जा सकते फिर भी किसान अधिक संख्या में गौवंशों को घेर कर लाते हैं और गौशाला के बाहर मुख्य सड़क मार्ग पर चहल कदमी कराते हैं जिससे आवागमन बाधित होने का डर बना रहता है। घेरकर गौशाला तक लाने वाले गौवंशों को देख रास्ते में किसानों के बीच आपसी विवाद भी होता देखा जा रहा है। आवारा गौवंशों को इधर उधर छोड़ने का क्रम चल रहा है। हद तो तब हो जाती है जब पालतू पशुओं को छोड़ने महिला किसान गौशाला के बाहर पहुंच जाती हैं। जिन्हें बेरंग लौटना पड़ता है सड़कों पर यूं ही धूमते गौवंशों से वाहन चालकों को काफी सावधानी बरतनी पड़ती है। कस्बे के मुख्य चौराहे सहित गलियों में दिन भर आवारा पशुओं का जमघट लगा रहता है। छोटी बड़ी बाजार में आवारा पशुओं का ठंड के चलते मरने का भी सिलसिला जारी है। जिन्हें आवारा कुत्ते अपना निवाला बनाते देखे जा सकते हैं। यह कस्बे में व्यापारियों के लिए मुसीबत बन रहे हैं।
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