लगभग एक सप्ताह पूर्व के मृतक सभी गौवंश।
धौरहरा खीरी।तहसील क्षेत्र के गौशालाओ मे मौजूद गौवंशो को सूखा भूसा खाकर ही जीवन जीने का प्रयास करते है।क्योकि प्रशाशनिक मशीनरी जिम्मेदार मौजूद गौवंशो को हरा चारा खिलाने का दावा करते नही थकते।गौशालाओ मे मौजूद गौवंशो ने इतना हरा खाया कि चलने फिरने से असमर्थ नजर आते है।जिससे उनकी मौत दर्दनाक मौत होती रहती है।जिन्हे सचांलक गण मिट्टी मे दफन न करके इधर उधर फेकना ज्यादा आसान दिखता है।
6 जनवरी मे क्षेत्र के गौशालाओ मे गौवंशो की हालत दयनीय खबर प्रकाशित होने के बाद हरकत मे आये प्रशाशनिक जिम्मेदारो ने गौशाला सचांलको के साथ बैढक कर मृतक गौवंशो को फेकने पर पाबंदी लगाई व क्षेत्र मे मौजूद गौशालाओ की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के निर्देश भी जारी किये गये।
जानकारी के मुताबिक भूख व कमजोरी से मर रहे गौवंशो को ठिकाने लगाने के लिऐ गौशाला सचांलको ने नया पैतरा खोज लिया।धौरहरा कस्बे के उत्तर लगभग 2 किमी0 दूर गोरखापुर व कोटवा क्षेत्र मे दहौरा नाले के किनारे लगभग सात से आठ गौवंशो के शव पडे होने की सूचना लगने से गौ रक्षक रिकूं पाण्डेय के हस्तक्षेप से हरकत मे आये प्रशाशनिक अमले (नगर पंचायत, पशु चिकित्साधिकारी,व धौरहरा पुलिस) ने देर रात 9 बजे स्थलीय निरीक्षण कर मृतक गौवंशो को दफन करवाने के लिऐ नगर पंचायत को निर्देशित किया था।बताया जाता है नगर पचांयत के पास जे सी बी तो है।लेकिन खराब होने से मृतक गौवंशो के शवो को रात मे दफनाया नही जा सका।
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सूत्रो से प्राप्त जानकारी के अनुसार गौशाला मे मृतक गौवंशो को देर रात वाहनो मे लादकर एकांत जगह में फेकने के लिऐ कहा जाता है।जिस जगह गौवंशो के शव नाले के किनारे पडे दिख रहे है।नजदीक मे कोई भी गौशाला नही है।