कागजों पर ही चल रहा गौवंशों का संरक्षण एवं संवर्धन
कछौना, हरदोई। सरकार के लाख प्रयास के बाद भी छुट्टा गौवंश ज्वलंत समस्या बनी है। छुट्टा गौवंशों की दुर्गति हैं, वह भूख प्यास से सड़कों पर घूम रहे हैं, वाहनों का शिकार हो रहे हैं। जिसके कारण प्रतिदिन गौवंश चुटहिल होकर तड़प तड़प कर मरने को विवश हैं। वर्तमान समय में लखनऊ पलिया हाइवे पर ग्राम रैंसों, कछौना चौराहा, कोतवाली कछौना, केदारनाथ पेट्रोल पंप के पास, डबल नहर, ग्राम सुन्नी, बघौली चौराहा के पास सड़कों पर छुट्टा गौवंश वितरण करते हैं, जो काफी बेकाबू होकर सड़क पर दौड़ते हैं। रात ढलते ही सड़क पर छुट्टा गौवंशों के झुंड आ जाते है। जिसके कारण प्रतिदिन छुट्टा गौवंश वाहन की चपेट में आने से घायल होकर तड़प तड़प कर मर जाते हैं। उसके बाद कई दिन सड़क पर मृत अवस्था में पड़े रहते हैं। उसकी बदबू से लोगों को आवागमन दुष्कर होता है। मृतक गौवंशों को कुत्ते और कौवे नोच नोच कर खाते हैं। वहीं छुट्टा गौवंशों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु गौ-आश्रय स्थल अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गए हैं। जहां पर उचित देखभाल के अभाव व चारा पानी के अभाव में तड़प तड़प कर बेजुबान मरने को विवश हैं। गौ-आश्रय स्थल से कोई आउटपुट नहीं आ रहा है, किसान व आम जनमानस आज भी छुट्टा गौवंशों की समस्या से जूझ रहे हैं। सरकार का फरमान हैं कि कोई भी छुट्टा गौवंश खुले में व सड़क पर दिखाई नहीं देना चाहिए, फरमान हवा-हवाई साबित हो रहा है। क्षेत्र की ग्राम सभा मतुआ, महरी, पुरवा, बरवा सरसण्ड, लोन्हारा, गाजू, टिकरी, दीननगर, हथौड़ा आदि ग्राम सभाओं में आज भी छुट्टा गौवंश ज्वलंत समस्या बनी है। बरसात के मौसम में मैदानों में पानी भरा होने के कारण सड़कों पर छुट्टा गौवंशों का झुंड बना रहता है, जो दुर्घटना का कारण बने हैं। नगर पंचायत कछौना पतसेनी में स्वीकृत होने के बावजूद अभी तक वृहद गौ-संरक्षण केंद्र नहीं बन पाया है, जबकि गौवंश आस्था का विषय नहीं अपितु अव्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण में सहायक है। सरकार के एजेंडे में गौवंश संरक्षण एवं संवर्धन नहीं है, जनप्रतिनिधि मूकदर्शक बने हैं। जिसका खामियाजा बेजुबान पशुओं व आम आदमी व किसान उठा रहे हैं।
रिपोर्ट – पी०डी० गुप्ता