कछौना हरदोई ।।स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नगर पंचायत कछौना पतसेनी द्वारा एक कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी देश भक्ति पूर्ण कविताओं से ऐसा समां बाँधा की श्रोता देर रात तक कुर्सियों पर डटे रहे। कवि सम्मेलन का शुभारंभ सांसद अशोक रावत एवं नगर पंचायत अध्यक्ष राधारमण शुक्ल उर्फ पंकज शुक्ल ने माँ शारदा के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
कवि सम्मेलन की शुरुआत बाराबंकी से आई कवयित्री शशि श्रेया की वाणी वन्दना से हुई। कछौना के युवा कवि अवलोक अवी ने “महोब्बत की बाते हों,तो जान लिख देना
हाथों में तिरंगा और स्वाभिमान लिख देना।वतन के वास्ते अगर कोई बात आये तो ,मेरी राख़ से भी तुम हिंदुस्तान लिख देना।” रचना पढ़ वाहवाही लूटी। काकोरी से आये वीररस के कवि अशोक अग्निपथी की “पूजा ना हुई जो वीर बांकुरों की देश में तो, नौजवानी का लहू भी पानी बन जाएगा ।” रचना काफी सराही गई। कवयित्री शशि श्रेया ने ” नफरतों ने तो यहां सरहदें उठाई हैं,प्रेम ही आदमी को आदमी बनाता है ll” गीत पढ़ समां बाँधा।
लखनऊ से आये आजकवि योगेश चौहान की रचना “दया भगवान करे हम तो करेंगे नहीं, शत्रुओं के शीश का गले में हार डालेंगे।मृत्यु आई शौर्य सिद्ध करने से पूर्व यदि, भारती के लाल मौत को ही मार डालेंगे।।” पर पूरा पंडाल भारत माता के जयघोष से गूंज उठा।कवि अवधेश शुक्ल की”मेरी माटी, मेरा देश ।सारे जग से न्यारा देश ।सब देशों में, डंका बजता ।प्रजातन्त्र है, प्यारा देश ।।” रचना सराही गई।
संचालक कवि अजीत शुक्ल ने “राष्ट्र भक्तो तुम्हारी छतों पर हमें धर्म धव्ज की जगह पर तिरंगा मिले ” रचना पढ़ तालियां बटोरी। कार्यक्रम की अध्यक्षा कर रहे हैदरगढ़ पधारे गीतकार शिव किशोर तिवारी खंजन की कविता “मिले यदि प्रेम का प्याला जहर भी जाम होता है ,हृदय जो प्रेम में डूबा वो प्रभु का धाम होता है।है जिनका कार्य उत्तम और उत्तम है घराना भी,वहीं दशरथ का बेटा बनके पैदा राम होता है।” पर श्रोतागणों ने खड़े होकर तालियां बजाई।
कार्यक्रम में ईओ देवांशी दीक्षित, राज बहादुर सिंह,विनय शुक्ल, क्रांतिवीर सिंह, रवि गुप्ता, हर्ष द्विवेदी, श्याम जी गुप्ता, सागर पांडेय आदि रहे
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