कछौना, हरदोई।* विकासखंड कछौना में विभागीय अधिकारियों की उदासीनता व पशुपालकों द्वारा अपने पालतू पशुओं को छोड़ने के कारण कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्रों की मुख्य मार्ग पर छुट्टा गौवंशो के झुंड दिखाई पड़ रहे हैं। जिसका खामियाजा बेजुबान कुछ व आम जनमानस उठा रहे हैं। जबकि सरकार द्वारा सख्त निर्देश था एक अप्रैल के बाद सड़क कस्बा गांव में छुट्टा गौवंश नजर नहीं आना चाहिए, इन्हें प्रत्येक दशा में गौ आश्रय स्थल पहुंचाना है। गौ आश्रय स्थल में पर्याप्त सुविधाएं चारा पानी भूसा व बचाव के पर्याप्त संसाधन उपलब्ध होने चाहिए। सरकार के लाख प्रयास के बावजूद शिक्षा छुट्टा गौवंशो की ज्वलंत समस्या बनी है। गौवंशो के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सरकार प्रयासरत है।
बताते चले नगर पंचायत के कछौना पतसेनी में कछौना चौराहा, कोतवाली कछौना परिसर, सुठेना तिराहे, ठाकुरगंज, गोल बिल्डिंग के पास नगर में छुट्टा गौवंश वितरण करते हैं।जिसमें पशुपालक भी अपने पालतू पशुओं को छोड़ देते हैं। जिसके कारण छुट्टा गौवंशो की समस्या बनी रहती है। क्षेत्र के कछौना के मुख्य मार्ग पर, केदारनाथ पेट्रोल पंप के सामने, डबल नहर पुल महरी, सुन्नी, बघौली चौराहा छुट्टा गौवंशो के झुंड नज़र आते हैं। जिनके कारण आए दिन दुर्घटना घटती हैं। वही बेजुबान पशु दुर्घटनाओं के शिकार होकर गंभीर घायल होकर तड़प तड़प कर मरने को विवश हैं। विकासखंड कछौना के मतुआ गांव, ग्राम सभा पुरवा, अरसेनी, दीन नगर, लोन्हारा, हथौड़ा, मानपुर, कमालपुर, कलौली, मरेउरा, निर्मल पुर, गाजू आदि ग्राम सभाओं के अभी तक छुट्टा गौवंशो की समस्या बनी है।
वहीं चिकित्सा अधिकारी डॉ० आशीष कुमार ने बताया अभियान सतत चल रहा है। कैटल वाहन व इमरजेंसी वाहन 1962 का सहयोग लेकर अभियान चलाया जा रहा है। वही पशुपालकों को चिन्हित किया जा रहा है, उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। सहभागिता योजना के तहत गौवंशो को किसानों के सुपुर्द किए जाएंगे, जिससे किसानों की भागीदारी से पशुपालन के प्रति किसान प्रेरित हों, उनको नौ सौ रुपये प्रति माह की राशि हर महीने उपलब्ध कराई जाती है। वही गौ के गोबर से उपला, कंडा का निर्माण, बायोगैस, दुग्ध उत्पादन से किसानों की आर्थिक स्थिति में इजाफा हो सकें। विकास जन आंदोलन के संयोजक रामखेलावन कनौजिया ने कहा जब तक गौवंशो के लिए प्रभावी योजना नहीं लागू की जाएगी तब तक छुट्टा गौवंश की समस्या बरकरार रहेगी।
रिपोर्ट – पी०डी० गुप्ता