हरदोई।व्हाट्सएप ग्रुप से एक लावारिस मौत की सूचना पाकर आनन फानन में कुछ समाजसेवियों ने उसका अंतिम संस्कार करवाया।
समाजसेवियों में से एक विक्रम पांडेय ने बताया एक संदेश के माध्यम से ज्ञात हुआ कि एक घर के बाहर मानसिक रूप से विक्षिप्त जो कि लावारिश है, विगत 20 से 25 वर्षों से मोमीनाबाद के एक घर के बाहर पड़ा रहता था। मोहल्ले के लोग जो खाने को दे देते , जिसमें बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी थी उसी से उसका गुजारा होता था। मोहल्ले के लोग उसको मनी बोलते थे। वहीं कुछ लोगों का कहना था कि उसका नाम मनीष था। मृत्यु के बाद लावारिश व्यक्ति का मुस्लिम रीति-रिवाजों से अंतिम क्रिया हो या हिंदू रीति के हिसाब से दाह संस्कार हो इस विषय पर कुछ वाद विवाद हुआ। विक्रम ने बताया कि उन्होंने वहां मौजूद सभी मुस्लिम धर्म गुरुऔर बुजुर्गों से कहा कि इंसान है, जैसे भी हो लेकिन विधि विधान से अंतिम क्रिया आवश्यक है। फिर पुलिस की मौजूदगी में शव की सुन्नत देखी गई जो कि हिंदू धर्म का प्राप्त हुआ। फिर प्रशासन द्वारा यह निर्णय लिया गया कि हिंदू रीति-रिवाजों से इस शव का दाह संस्कार करना है। तुरंत ही कुछ साथी अनुराग द्विवेदी अन्नू, देवव्रत मिश्रा देवा, सौरभ सिंह, प्रांजल शुक्ला एकत्र हो गए और हरदोई के जयपुरिया स्कूल के प्रबंधक शिखर अग्रवाल द्वारा दाह संस्कार की समस्त सामग्री उपलब्ध कराई गई। सभी ने मिलकर विधि विधान से स्वर्गीय मनी अथवा मनीष को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया।