विभाग दशकों पुराने नलकूप को खत्म करने की तैयारी में,किसान लगा रहे जिम्मेदारों के चक्कर
हरदोई।राजकीय नलकूप संख्या 17 स्थित ग्राम मरई विकास खण्ड हरियावां तहसील व जिला हरदोई को रिबोर कराकर चालू करवाने के सम्बन्ध में अधीक्षण अभियंता को प्रार्थना पत्र दिया गया है बताया गया है कि रामनरेश कुशवाहा ग्राम सुमई मजरा कुरसेली विकास खण्ड हरियावाँ तहसील व जिला हरदोई ने प्रार्थना पत्र में जिक्र किया है कि प्रार्थी के यहाँ ग्राम मरई व सुमई के किसानो की सिंचाई हेतु राजकीय नलकूप संख्या 17 का निर्माण लगभग 45 वर्ष किया गया था। उक्त नलकूप पर स्थित किसानों की कृषि भूमि का सिंचाई हेतु अन्य कोई साधन नहीं है। नलकूप खराब होने पर सन् 2015-16 में नलकूप का रिबोर राजकीय नलकूप निर्माण खण्ड लखनऊ के द्वारा कराया गया। नलकूप का सही रिबोर नहीं किया गया था तथा नलकूप चालू होने पर बालू और मिट्टी पानी के साथ आ रही थी। ग्राम वासियों के एतराज करने के बावजूद राजकीय नलकूप विभाग के अधिकारियों के द्वारा राजकीय नलकूप निर्माण खण्ड लखनऊ से हैण्ड ओवर कर लिया गया। नलकूप का हैण्ड ओवर करने में कार्यदायी संस्था के अधिकारियों के द्वारा मानकों का अनुपालन नहीं किया गया तथा राजकीय धन का दुरुपयोग कर भ्रष्ट आचरण करके क्षति पहुँचाई गई।राजकीय नलकूप यदि 5 वर्षों तक सही काम नहीं करता है तब उक्त नलकूप को पुनः रिबोर करने का उत्तरदायित्व कार्यदायी संस्था का होता है। प्रार्थी एवं अन्य ग्रामवासियों के द्वारा पूर्व में कई बार राजकीय नलकूप के अधिकारियों को अवगत कराया गया। अधिशाषी अभियन्ता, नलकूप खण्ड हरदोई के द्वारा पत्रांक संख्या – 207/ दिनांकित 06.02.2019 को एवं पत्रांक संख्या 1144 दिनांकित 06.03.2019 के द्वारा अधिशाषी अभियन्ता नलकूप निर्माण खण्ड लखनऊ को अवगत कराया गया इसके बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई। सहायक अभियन्ता तृतीय नलकूप प्रखण्ड हरदोई के द्वारा दिनांक 29.05.2019 को अधिशाषी अभियन्ता नलकूप खण्ड हरदोई को पत्रांक संख्या 18 के द्वारा नलकूप फेल होने की रिपोर्ट दी। नलकूप को पुनः निर्माण खण्ड लखनऊ से रिबोर कराने हेतु विभागीय अधिकारियों ने कोई कार्यवाही नहीं की। जबकि कार्यदायी संस्था के द्वारा कराये निर्माण की गारन्टी अवधि पूरी नहीं हुई। राजकीय नलकूप विभाग एवं निर्माण खण्ड के अधिकारियों की मिली भगत से राजकीय धन की क्षति हुई तथा किसानों की फसल नष्ट हुई है। निर्माण खण्ड के अधिकारियों के द्वारा धन का दुरूपयोग किया गया है।