सपा ने बढ़ती महंगाई, बिगड़ती कानून व्यवस्था और बेरोजगारी पर सरकार को घेरा
प्रदेश में कानून व्यवस्था बेपटरी: डॉ राजपाल कश्यप
फर्जी मुकदमों में फंसा रही है योगी सरकार:जीतू वर्मा
2022 में गिन गिन कर हिसाब लेगी जनता: पम्मू यादव
हरदोई।सपा के तहसील स्तर पर आयोजित होने वाले धरना प्रदर्शन के क्रम में पूर्व विधायक आसिफ खाँ बब्बू ने अपने शाहाबाद आवास पर बड़ी संख्या में भीड़ जुटाकर, तहसील की ओर जाते हुए रोक लिया गया,एसडीएम सौरभ दुबे को ज्ञापन सौंपा गया।
पूर्व विधायक बब्बू ने धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि जनता ने भाजपा की विदाई तय कर ली है।पंचायत चुनाव में जनता द्वारा हुए चुनाव में लोगो ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को बड़ा समर्थन देकर जिताया परन्तु जिला पंचायत अध्यक्ष,ब्लाक प्रमुख के चुनाव में तानाशाही और गुंडागर्दी की सारी सीमाये लांघ दी और प्रशासन की मशीनरी पूरे प्रदेश में भाजपा को जिताने में लगाई गई।धरना प्रदर्शन में नामित सभासद विमलेश लोधी,लक्ष्मी त्रिपाठी,प्रधान सतीश सिंह,नन्हे त्रिवेदी,संजय तिवारी,पूर्व प्रधान आरपी सिंह,कृष्ण कुमार,गुड्डू गुप्ता,चांद मिया,अरस्तू,डॉ मोहम्मद हुसैन,मोनू मिश्रा, विनोद पाठक,अनिल प्रधान, रामपाल आदि मौजूद रहे।
वहीं बिलग्राम में तहसील मुख्यालय पर मल्लावां बिलग्राम विधानसभा अध्यक्ष मोहम्मद नसीम के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता लामबंद हो गये और प्रशासन की सख्ती के बावज़ूद सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया।साथ ही महामहिम राष्ट्रपति संबोधित सोलह सूत्रीय मांगपत्र उपजिलाधिकारी बिलग्राम को सौंपा। प्रदर्शन के दौरान मुख्य रूप से बिलग्राम मल्लावां विधानसभा के अध्यक्ष मोहम्मद नसीम, पूर्व विधायक ब्रजेश वर्मा, पूर्व ब्लाक प्रमुख कप्तान सिंह यादव यादव, ब्रजेश वर्मा उर्फ टिल्लू भइया अफसर अली, बिलग्राम नगर अध्यक्ष मोहम्मद सईद,अजबू यादव, विवेक कुमार सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी रही।
वहीं हरपालपुर में पूर्व जिलाध्यक्ष पद्मराग सिंह यादव “पम्मू”के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा।
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष जितेंद्र वर्मा जीतू पटेल,सपा एमएलसी डॉ राजपाल कश्यप,पूर्व सांसद ऊषा वर्मा,पूर्व विधायक राजेश्वरी देवी के नेतृत्व में राष्ट्रपति महोदय को संबोधित 16 सूत्रीय ज्ञापन हरदोई तहसील में धरना प्रदर्शन कर उपजिलाधिकारी को सौपा गया।
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गुटबाजी का शिकार सपा
प्रदर्शन में असली मुद्दों को छोड़ क्षेत्रीय नेताओं के लगते रहे नारे
तहसील मुख्यालय पर बढ़ती महंगाई, बिगड़ती कानून व्यवस्था, बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर प्रदर्शन होना था लेकिन बुनियादी मुद्दों को छोड़ सपा कार्यकर्ता अपने संभावित प्रत्याशियों को ऊंचा उठाने में लगे रहे।अपने लाव लश्कर के साथ पहुंचे सपा के तीन नेताओं के साथ दर्जनों गाड़ियों का काफिला था लेकिन सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कम अपने आप को चमकाने का मौका ज्यादा तलाश करते रहे नेता। शायद उन्हें गुमान था कि इस प्रदर्शन में जो जितनी भीड़ और गाड़ियों का काफिला इक्ट्ठा कर लेगा, आने वाले विधानसभा चुनाव में शायद उसकी दावेदारी उतनी ही पक्की हो जायेगी। यदि संघर्ष करना मकसद होता और सरकार को घेरने का इरादा होता तो भीड़ में सरकार विरोधी नारे लगाये जाते या मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव जिंदाबाद की सदाएं बुलंद की जाती। लेकिन प्रदर्शन में कुछ देर तो अखिलेश यादव मुलायम सिंह यादव के नारे लगाए गए। उसके थोड़ी ही देर बाद एक तरफ से सुभाष पाल जिंदाबाद, दूसरी तरफ से ब्रजेश वर्मा जिंदाबाद, तीसरी तरफ टिल्लू भइया जिंदाबाद की आवाज़ें आने लगीं। इससे ये साफ जाहिर हो रहा है कि कहीं न कहीं अभी भी सपा में गुटबाजी है।