हरदोई।कीड़े-मकोड़ों की तरह खाना-पीना, सोना-जागना और मर जाना जीवन नहीं है। जीवन का एकमात्र उद्देश्य आत्म-साक्षात्कार करना है।
कायाकल्पकेन्द्रम् स्थित यज्ञशाला में रविवार को प्रारम्भ हुई योग दर्शन की कक्षा में प्रवचन कर्ता आचार्य डॉ राजेश मिश्र ने बताया कि कोई भी एक क्षण के लिए भी अकर्मा नहीं रह सकता। कहा, हर क्षण हम कर्म बंधन में बंध रहे हैं। हमारे ऊपर नित्य लाखों संस्कार पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा यह योग दर्शन की कक्षा है, इसमें आसन प्राणायाम नहीं सिखाया जायेगा। इसमें योग दर्शन के चार पादों में विभक्त १९५ सूत्रों के बारे में बताया जायेगा।
डॉक्टर मिश्र ने बताया कि हवनोपरान्त ‘योग दर्शन’ की कक्षा लगभग एक माह तक नित्य प्रातः सात से आठ बजे तक होगी।
योग दर्शन की प्रथम कक्षा में पतंजलि योग पीठ हरदोई के अध्यक्ष हरिवंश सिंह, नंदकिशोर सागर, शिवकुमार, गोविंद गुप्ता, सोनू गुप्ता, डॉ श्रुति दिलीरे, रिंकी गुप्ता और पतंजलि योग की महिला अध्यक्ष विनीता पांडे उपस्थित रहीं।