कछौना/हरदोई। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था सड़कों पर फैले जानलेवा गड्ढे आतंकवादियों से भी ज्यादा घातक और खतरनाक हैं। जिसके कारण जनधन की हानि के साथ व्यक्ति की जान तक चली जाती हैं। यहां तक दुर्घटना से व्यक्ति जीवन भर के लिए विकलांग हो जाता है।
बतातें चलें, विकासखंड कछौना की लखनऊ हरदोई मार्ग पर ज्ञानपुर तिराहे से गौहानी संपर्क मार्ग है। जिस पर प्रतिदिन ग्राम कामीपुर, ज्ञानपुर, धंधार, गौहानी, मण्डलहिया, नौवाखेड़ा, धुरुपुरा, तकिया, खन्ना खेड़ा, बरूआहार आदि ग्रामों के ग्रामीणों का आवागमन रहता है। इस मार्ग पर ग्राम धंधार में ग्रामीणों के घरों का पानी निकासी हेतु नाली की समुचित व्यवस्था नहीं थी। जिसके कारण घरों का पानी सड़क पर बहता था। सड़क पर हमेशा जलभराव बना रहता था। जलभराव के कारण मार्ग पर गहरे गड्ढे हो गए थे। पूर्व में इस मार्ग पर राहगीर पानी भरे गड्ढों से होकर निकलने को विवश थे। आय दिन कोई न कोई राहगीर इनमें गिरकर चुटहिल होते रहते थे। सबसे ज्यादा दिक्कत नौनिहालों, गर्भवती महिलाओं व वृद्धजनों को होती है। स्थानी जागरूक नागरिक विनोद कुमार पाण्डेय ने ग्राम सचिव से लेकर खंड विकास अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, जिला अधिकारी, जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया। परंतु किसी ने सुध लेना मुनासिब नहीं समझा। ग्रामीण कई वर्षों से समस्या से जूझ रहे थे। स्थानीय ग्रामीणों की ज्वलंत समस्या को पूर्व में क्षेत्र के जिला पंचायत प्रत्याशी व विद्यालय के प्रबंधक डॉ शिवराज सिंह पटेल ने समझी थीं। उन्होंने अपने व्यक्तिगत प्रयास से उस जलभराव में ईंट व राबिश डलवा कर बराबर करा दिया था। कई वर्षों से चली आ रही समस्या का निराकरण करने की अनूठी पहल की थीं। परंतु समुचित जल निकासी की व्यवस्था न होने के कारण मार्ग पर जलभराव बना रहता था। ग्राम प्रधान महेंद्र पाल सिंह ने इस समस्या को समझा, उन्होंने मार्ग के दोनों तरफ नाली निर्माण कराकर जल निकासी की समुचित व्यवस्था कराई। जिससे इस मार्ग पर आने वाले राहगीरों को इस ज्वलंत समस्या से निजात मिलेगा।