बिलग्राम/हरदोई।गरीबी का पैमाना अधिकारियों के अनुसार क्या है ये अधिकारियों के अलावा शायद किसी और को नहीं मालूम। सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए टूटी खाट,घर के नाम पर फूस का छप्पर, और पचास प्रतिशत दिव्यांग का होना भी गरीबी की श्रेणी में नहीं आता।
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ब्लॉक बिलग्राम के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मुरौली ग्वाल के मजरा जटपुरा के एक ऐसे ही दिव्यांग रामबाबू ने सरकारी सिस्टम और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का सवाल खड़ा करते हुए आरोप लगाया है कि उसका आवास गांव की स्वीकृत लिस्ट की क्रम संख्या 16 पर अंकित था, जिसकी रजिस्ट्रेशन संख्या 0144727977 है। गांव में राजनैतिक द्वेष भावना के कारण उसे अपात्र ठहरा कर सरकारी आवास को काट दिया गया और मुझे सरकारी योजना का लाभ नहीं दिया गया,
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जिसकी शिकायत मैने मुख्य विकास अधिकारी, जिलाधिकारी व अन्य अधिकारियो को जनसुनवाही के माध्यम से शिकायती पत्र भेज कर की, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। रामबाबू ने प्रशासन से अपील की है कि यदि मैं सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए पात्र हूं तो जांच कर मुझे सरकार की मंशा के अनुरूप लाभ दिलाया जाये और जिन्होंने सांठगांठ कर मुझे अपात्र करार दिया है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए ताकि सरकार और प्रशासन पर गरीबों का भरोसा कायम रह सके।