पाली/हरदोई।नगर के पशु चिकित्सालय के पीछे सहकारी समिति के नाम पर बनाया गया धान क्रय केंद्र का संचालन दूसरे गांव में होने से किसान परेशान हैं।अधिकारियों की कारगुजारियों का खामियाजा क्षेत्र के किसानों को अपनी उपज को बाजार में कम दाम पर बेंच कर चुकाना पड़ेगा। सेंटर को कस्बे में खुलवाए जाने की मांग किसानों ने उच्चाधिकारियों से की है।
आपको बताते चले कि कस्बा व आसपास क्षेत्र के किसानों की सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए धान बिक्री करने के लिए शासन द्वारा नगर के पशु चिकित्सालय के पीछे सहकारी समिति पाली के नाम पर गेंहू क्रय केंद्र खोला गया था। बताते है कि जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत व खाऊ कमाऊ नीति के कारण सेंटर को पाली कस्बे से 10 किमी दूर ललुआपुर गांव में खोला जाएगा। किसान चंद्रहास पांडेय, मनोज कुमार, जागेश्वर, उदय प्रकाश, प्रवीण कुमार, महेंद्र कुमार, कमलेश कुमार, राजीव, राहुल, ऋषी पांडेय, अतर सिंह, विनोद, रजनीकांत बाजपाई, राम विलास मिश्रा, विजय, धर्मेंद्र कुमार आदि ने बताया कि लालुआपुर गांव की दूरी पाली कस्बे की अपेक्षा अधिक पड़ रही है। सेंटर तक जाने के लिए अच्छी रास्ता नही है, कच्ची व गड्ढे दार सड़क से गेंहू ले जाना मुश्किल हो जाएगा, ऐसे मे ट्रैक्टर ट्राली पलटने का भी खतरा रहेगा। किसानों ने बताया कि सरकारी खरीद केंद्र पहले पाली के नाम पर बनाया गया लेकिन लेनदेन करने के बाद विभागीय लोगों ने गेंहू क्रय केंद्र का संचालन को लालुआपुर मे कर दिया गया है, जबकि कस्बे में उप गल्ला मंडी में सेंटर खोले जाने के लिए पर्याप्त मात्रा में जगह होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों का गैर जिम्मेदाराना रवैया उचित नही है। पाली गल्ला मंडी आने जाने के लिए सड़क भी सही है और सुरक्षा की दृष्टि से भी पाली गल्ला मंडी सही है। किसानों ने बताया कि पाली कस्बे से सेंटर न होने के कारण विगत वर्ष की भांति गेंहू व धान को कम कीमत पर बाजार में आढ़तियों के हाथ बेचना पड़ेगा। जिससे किसानों को लगभग दो सौ रुपये प्रति कुंतल का नुकसान भी उठाना पड़ेगा। किसानों ने गेंहू क्रय केंद्र को सहकारी समिति पाली व उप गल्ला मंडी पाली में संचालित कराए जाने की मांग डीएम से की है।
ए आर हरदोई अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि पिछली बार सेंटर लालुआपुर मे था, तभी इस बार भी सेंटर लालुआपुर बनाया गया,
सड़क खराब होने की जानकारी नही है।