6 माह की जिला बदर की सजा उच्च न्यायालय लखनऊ ने की समाप्त एफ आई आर भी निरस्त- सपा नेता सुभाष पाल 

भाजपा व जिला प्रशासन मेरे खिलाफ दमनकारी कार्यवाही करने की रच रही साजिश- सुभाष पाल
हरदोई।सपा नेता सुभाष पाल ने प्रेस वार्ता आयोजित कर जानकारी दी है कि भाजपा नेताओं की मिलीभगत से गुंडा एक्ट के तहत छह माह की जिला बदर की सजा को उच्च न्यायालय लखनऊ ने समाप्त कर गुंडा एक्ट की एफआई आर भी निरस्त कर दी है, जिससे भाजपा की डरी हुई अत्याचारी शोषण कर्ता सरकार के मुंह पर न्याय एवं सत्य का जोरदार तमाचा है।
पूर्व जिला अध्यक्ष पम्मू यादव, पूर्व सांसद उषा वर्मा तथा जिलाध्यक्ष जितेंद्र वर्मा जीतू की उपस्थिति में सपा नेता सुभाष पाल ने एक होटल में आयोजित प्रेस वार्ता में जानकारी दी कि जिला पंचायत पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में वह समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी का तन मन धन से प्रचार कर रहे थे। मेरे रहते भाजपा का हारना
तय था, जिसके डर से बेबुनियाद आधार पर मेरे ऊपर गुंडा एक्ट की कार्यवाही की और सत्तापक्ष नेताओं के दबाव में बिना पूर्ण बहस के आनन-फानन में जिला बदर की सजा दे दी। मेरी पैतृक संपत्तियों, खेत, मकान, स्कूल आदि सीज कर दी है ताकि शेष जिला पंचायत सदस्य भयभीत हो जाए एवं भाजपा जीत जाए, परंतु जिस निष्पक्षता से सत्यता की जांच उपरांत उच्च न्यायालय लखनऊ ने सजा व एफ आई आर निरस्त की है। उसका मैं स्वागत करते हुए धन्यवाद प्रकट करता हूं।
 उन्होंने बताया कि सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि समाजवादी पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता एवं बिलग्राम विधानसभा क्षेत्र में बढ़ते जनाधार से इस कदर भाजपाई डरे हुए हैं कि मुझ पर पुनः सुनियोजित तरीके से दंडात्मक कार्रवाई करने की साजिश रच रहे हैं। उनकी मंशा मुझे विधानसभा चुनाव तक जेल भेजने की है ताकि मैं चुनाव ना लड़ सकूं और पूरे जनपद में चुनाव प्रचार ना करें।उन्होंने कहा कि मैं अपने लोगों और समाजवादी पार्टियों व साथियों को विश्वास दिलाता हूं यदि ऐसा कुछ हुआ तो मेरे परिवार का एक-एक सदस्य मेरी मां, भाई, पत्नी ,बच्चे सभी समाजवादी पार्टियों के प्रत्याशियों को जिताने में जी जान लगा देंगे पर कभी भाजपा व उनके  नेताओं के नापाक मंसूबे कभी भी पूरे नहीं होने देंगे। भाजपा के अत्याचारों के आगे झुकना नहीं मरना पसंद करूंगा।
 प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व जिला अध्यक्ष पम्मू यादव ने कहा कि भाजपा जिला प्रशासन ने सुभाष पाल के खिलाफ उनके बढ़ते जनाधार को देखकर दंडात्मक कार्रवाई की है, जिसे 2022 की चुनाव में वोट के माध्यम से जनता बदला लेगी। उन्होंने बताया कि सवायजपुर विधानसभा में ब्राह्मण समाज का बाहुल्य भी है और ब्राह्मण समाज का रुझान समाजवादी पार्टी की ओर है जिन्हें डराने के उद्देश्य से पूर्व में बसपा प्रत्याशी रहे डॉ अनुपम दुबे के ऊपर रासुका लगा कर जेल भेज दिया गया। उनके भाई पर भी फर्जी मुकदमे लिख दिए गए जो की घोर निंदनीय हैं। जनपद हरदोई व फर्रुखाबाद में डॉक्टर अनुपम दुबे का अच्छा प्रभाव है इसलिए हरदोई से फर्रुखाबाद के डरे हुए भाजपा नेता उनके परिवार व उनसे जुड़े फर्रुखाबाद व सवायजपुर विधानसभा के उनके लोगों को डराने धमकाने का काम कर रहे हैं।
 श्री पम्मू ने बताया कि कुछ एक प्रधान पूर्व प्रधान जिला छोड़कर पलायन करके दूसरे प्रदेशों में शरण लिए पड़े हैं, उनकी गलती सिर्फ इतनी है कि वह जेल में डॉक्टर अनुपम दुबे को मिलने गए थे। उन्होंने फर्रुखाबाद व हरदोई प्रशासन को खुली चुनौती देते हुए कहा कि मैं भी शीघ्र अनुपम दुबे से मिलने जाऊंगा और रोज दर्जनों प्रमुख नेताओं को मुलाकात करने भेजूंगा देखें कितनों पर कार्रवाई करेगी।

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