कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी रचनाओं से बांधा समां

हरदोई।नगर पालिका परिषद सांडी द्वारा निधि दीपोत्सव पर्व के अंतर्गत इंदिरा पार्क में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ नगर पालिका परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि दिनेश चन्द्र गुप्ता व समाजसेवी अनिल गुप्ता द्वारा दीप प्रज्वलन व मां शारदा के चित्र पर माल्यार्पण कर किया।
कवि सम्मेलन की शुरुआत पीलीभीत से पधारी कवयित्री एकता भारती की वाणी वंदना से हुई। हरदोई से गीतकार पवन कश्यप ने “प्यार की एक झूठी शपथ हो गया, प्रेम का राजपथ देवपथ हो गया” गीत पढ़ समां बांधा। लखनऊ से आए हास्य कवि नर कंकाल ने “कोरोना बहुतै उत्पाती, बना हुआ प्राणों का घाती” कविता पढ़ श्रोताओं को खूब हंसाया।सीतापुर से पधारे गीतकार जगजीवन मिश्र ने प्यार “मां जैसा हो वाली गंगा मिले, मरने पर फिर कफन बस तिरंगा मिले” गीत पढ़ तालियां बटोरी।युवा कवि वैभव शुक्ल की”टूटते रिश्तों को बचाने की जद्दोजहद है और कुछ भी नहीं,मेरे उसके दरमयां ख्यालों की सरहद है और कुछ भी नहीं”गज़ल सराही गई।
     कार्यक्रम संयोजक हास्य कवि अजीत शुक्ल ने दलबदल पर अपनी रचना “चाटुकारिता के फंडे बदल रहे हैं,आ रहा चुनाव तो झंडे बदल रहे हैं।” पढ़कर श्रोताओं को खूब  गुदगुदाया।  कवयित्री एकता भारती ने “यह जो दुनिया अयोध्या हुई, प्रेम दीपावली हो गया, तू जो रघुवर मेरा हो गया मैं तेरी जानकी हो गई” गीत पढ़ तालियां बटोरी।वरिष्ठ कवि श्याम बिहारी कुशवाहा ने “समां बांध दूंगा महफिल में तुम्हारी” कविता पढ़ी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राजेश कुमार शर्मा ने “दीप से दीप जलाओ, मन से जीवन को मुस्कुराओ” कविता पढ़ कार्यक्रम का समापन किया।आनंद मिश्र ने आए हुए कवियों एवं अतिथियों का आभार प्रदर्शित किया।

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