हरदोई।आर्य कन्या डिग्री कॉलेज में तीन दिन से चल रहे आर्य समाज के 136वें वार्षिकोत्सव का समापन सुबह-शाम वैदिक यज्ञ एवं भजन-प्रवचन के साथ हो गया। उपदेशकों ने वेद को ज्ञान का भण्डार बताया और उनके पठन-पाठन पर बल दिया। साथ ही हवन-संध्या को जीवन का अंग बनाने पर बल देते हुए अंधविश्वासों और कुरीतियों को मिटाकर व यज्ञमय जीवन जीने की सीख दी।
त्रिदिवसीय वैदिक यज्ञ अनुष्ठान के यजमान के रूप में डा. अजय अस्थाना, वेदवसु व बालकृष्ण गुप्ता के साथ आर्यजनों ने आहुतियां डालीं।
फरुखाबाद के वैदिक महोपदेशक आचार्य चंद्रदेव ने वेदमन्त्रों की व्याख्या करते हुए ईश्वर के स्वरूप का वर्णन किया और वेदों के त्रैतवाद सिद्धांत की विवेचना की। कहा ईश्वर-जीव और प्रकृति तीनों अनादि व अनंत हैं। जिसमें प्रकृति जड़ है और आत्मा एवं परमात्मा चेतन है। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों से सर्व शक्तिमान उसी एक परमात्मा की स्तुति-उपासना करने की बात बतायी। पूर्व प्राचार्य डॉ. बीएस पाण्डेय ने भी विचार रखे। शाहजहांपुर के भजनोपदेशक संतकुमार आर्य एवं आर्यसमाज ललुआमऊ के प्रधान आशाराम द्विवेदी, कोठिला के युगुलकिशोर आर्य व डा. सुरेश आर्य ने विभिन्न वैदिक भजनों के माध्यम से वेद प्रचार किया। संचालन आर्यसमाज सवायजपुर के प्रधान आर्येंद्र पाण्डेय ने किया। अध्यक्षता आर्यसमाज के प्रधान एवं आर्य प्रतिनिधि सभा उप्र की अंतरंग सभा के सदस्य
विद्याराम वर्मा ने शांति पाठ के साथ सभी का आभार जताया। अतिथियों के साथ जिले भर से आए आर्यसमाज के प्रतिनिधियों व आर्यजनों का स्वागत मंत्री प्रताप नारायण अवस्थी के साथ कोषाध्यक्ष बालकृष्ण गुप्ता एवं उपमंत्री राकेश भदौरिया ने किया।
स्थानीय समाज के सभासदों सहित आर्य समाज बेहटा गोकुल, जरौली नेवादा,हरपालपुर, सवायजपुर,पाली, ललुआमऊ,अजतूपुर, सेमरिया,औहतपुर, यासीनपुर,कोठिला, श्रद्धानंदनगर रद्धेपुरवा, संडीला,धनवार,सुगवां आदि आर्यसमाजों के प्रतिनिधि भूदेव तिवारी, आनंद तिवारी,महेश आर्य, मथुरा मुनि,आर्यन्द्र पांडेय, डॉ० सुरेश चंद्र,ऋतम्भरा आर्या,हरगोविंद, डा. यदुनाथ,उमेश वर्मा,दिनेश सिंह, सुरेंद्र बाजपेई, डा. सत्यप्रकाश आदि प्रधान व मंत्रीगण व जिले के पदाधिकारियों व आर्य सभासदों व आर्यजनों ने भागीदारी की।