ग्रामीणों के लिए मुसीबत बना अधूरा पुल निर्माण
हरदोई।सवायजपुर मार्ग पर हरदोई से मात्र 8 किमी. की दूरी पर स्थित शारदा नहर पर नया निर्माणाधीन पुल व पुराना बना पुल तोड़े देने से ठेकेदार की लापरवाही का खामियाजा ग्रामीण एक माह से भुगत रहे हैं। पुराने पुल को नया बनाने के चक्कर में खोद दिया गया है। जबकि कार्य पूर्ण हो पाता तो पुराना पुल को तोड़ना चाहिए था,सैकड़ों गांवों व दिल्ली मथुरा आगरा जानें वाले नागरिकों का आवागमन इस मार्ग से बाधित हो गया है।
वर्तमान में यह स्थिति हैं कि यहां से गुजरते समय जरा भी नजर चूकी और नहर में गिरना तय हैं। ऐसा ही एक मामला रविवार की सुबह का हैं जब एक पति अपनी पत्नी के साथ दोपहिया वाहन में सवार होकर जा रहा थे, सराय पुल के ऊपर कीचड़ में फिसलन के कारण दोनों गड्ढे में गिर गए। आसपास के लोगों ने दौड़कर उन्हें बाहर निकाला गिरने के बाद दोनों को चोट भी लगी हैं। ग्रामीणों की मानें तो इस तरह की घटना यहां आम हो चुकी हैं प्रतिदिन कोई न कोई गिरते पड़ते रहता हैं। ग्रामीणों को शिकायत हैं कि उनके द्वारा अनेकों बार ठेकेदार के कर्मचारियों से इस समस्या के समाधान के लिए कहा गया परंतु इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया, इससे यह समस्या जटिल बन चुकी हैं। अब इस मार्ग से बच्चों के स्कूली वाहन के साथ ग्रामीणों के चार पहिया वाहनो का भी आना-जाना बाधित हो गया है। यह सड़क लगभग सैकड़ो दर्जन गांवों का संपर्क मार्ग हैं। पुल टूटने से क्षेत्रवासियों को आने-जाने में भारी असुविधा हो रही है। इसे लेकर ठेकेदार के प्रति लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि नए पुल का निर्माण होने के बाद ही पुराना पुल तोड़ना चाहिए था, लेकिन जिले में कोई भी पुराना पुल तोड़ा नहीं गया है, ये ठेकेदार की लापरवाही है।
ग्रामीणों ने बताया कि यह पुराना तोड़े बिना नया पुल तैयार हो सकता था लेकिन ठेकेदार की मनमानी से काम करने के कारण पुराना पुल को तोड़ दिया गया, वहीं लोगों का सड़क पर से निकलना भी मुश्किल हो गया है। नहर पटरी चौड़ी न होने के कारण जहां दोपहिया वाहन फंस कर वहीं खड़े रह जातें हैं तो पैदल निकलने में लोगों को परेशानी होती है,बताया गया कि जिस समय यहां ठेकेदार के द्वारा नये पुल का काम प्रारंभ किया गया था, उस समय पुराना पुल के उत्तर की तरफ़ ही नए पुल की नाप व खुदाई हुईं थीं, फिर पता नहीं पुराना पुल क्यों तोड़ दिया गया, अगर पुराना पुल न टूटा हुआ होता तो लोगों को परेशान नहीं होना पड़ता। ठेकेदार की मनमानी के कारण इस मार्ग पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। उस समय किसी भी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया और नतीजतन ठेकेदार की लापरवाही का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।जहां रोजाना स्कूल के विभिन्न कार्यों से छात्र छात्राओं का आना जाना लगा रहता है।अब देखने वाली बात ये होगी कि सरकार की ओर से सरकारी विभाग व ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी या नहीं। या फिर इस मामले को ठंडे बस्ते डाल दिया जाएगा।