सज रहा सट्टे का बाजार,लग रहे जुएं फड़
–पुलिस ने 4 सट्टेबाजों को पकड़कर की इति श्री
सट्टा किंग कौशल गुप्ता उर्फ मामा और उसके गुर्गे पुलिस के इकबाल को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं।शहर में सट्टा किंग की सरपरस्ती में सट्टे और जुएं का कारोबार खुलेआम फल फूल रहा है।चार दिन पूर्व आलाधिकारियों के आदेश पर स्थानीय रेलवेगंज पुलिस ने कुछ सट्टेबाजों के खिलाफ कार्रवाई की थी और 4 सट्टेबाजों को गिरफ्तार कर जेल भेजने का दावा किया था लेकिन पुलिस की यह कार्रवाई महज खानापूर्ति साबित हुई।नतीजतन शहर में 4 दिन जुए का कारोबार बंद रहा लेकिन फिर से सट्टे का बाजार सज गया और खुलेआम जुए का कारोबार शुरू हो गया।ऐसे में पुलिस की सक्रियता और ईमानदारी पर लोगों ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।स्थानीय लोग सट्टा और जुएं के अवैध कारोबार के सिंडिकेट को खत्म करने की मांग कर रहे हैं ताकि युवा बेहतर रास्ता अख्तियार कर अच्छे इंसान बने और गरीबों के परिवार ना बर्बाद हो।
हालिया दिनों में समाचार पत्र और टीवी चैनलों पर शहर में अवैध सट्टे के कारोबार की खबरें प्रकाशित हुई थीं, जिसके बाद स्थानीय रेलवेगंज इलाके की पुलिस ने गिप्शनगंज मोहल्ले से 4 युवाओं ममतेज़,शिवा,अमित और राजन को गिरफ्तार कर 13 जी के अंतर्गत चालान किया था और थाने से ही आधे घण्टे में लिखापढ़ी और फोटोसेशन के बाद जमानत दे दी थी।कहा जा रहा है कि अफसरों के दबाव में स्थानीय पुलिस की यह कार्रवाई महज खानापूर्ति थी।कार्रवाई तो महज दिखावा थी बल्कि असल हकीकत तो शहर के सट्टा किंग कौशल मामा और उसके गुर्गे मोनू पाल,डंकली,टुनटुन और राजू को बचाना था।लिहाजा पुलिस की कार्रवाई से सट्टा सरगना और उसके गैंग ने 4 दिनों के लिए सट्टे का कारोबार बंद कर दिया था लेकिन एक बार फिर से शहर में जिंदपीर चौराहा,गिब्सनगंज,अरुणा पार्क के निकट,नईबस्ती,डाक बंगला के पास,झबरापुरवा,आजादनगर, धर्मशाला रोड सहित तमाम जगहों पर अवैध पर्ची,मटका सट्टा का कारोबार धड़ल्ले से खुलेआम चालू हो गया।यही नहीं मंडी और राजेपुर में तो मामा की सरपरस्ती में जुए का कारोबार भी पुनः शुरू हो गया।यहां भोले भाले नौजवानों को प्रलोभन देकर उन्हें अपना शिकार बनाया जाता है और फिर यह युवा बर्बादी के रास्ते पर चलकर नशा और गलत कार्यों में संलिप्त हो जाते हैं।जुएं और सट्टे में हारकर,नाबालिग बच्चे,युवा बेरोजगार और दिहाड़ी मजदूर अपना भविष्य बर्बाद कर लेते हैं,जिसका अंजाम युवा पीढ़ी और गरीबों के परिवार को भुगतना पड़ता है लेकिन सट्टेबाज माफिया को इससे कोई सरोकार नहीं। हद तो इस बात की है कि जिम्मेदार पुलिस भी महज दिखावे की कार्रवाई करती है जबकि असली सट्टे माफिया और उसके गुर्गों को मानो जैसे उसने अभयदान दे रखा हो।फिलहाल पुलिस की हालिया कार्रवाई और सट्टा किंग व उसके गुर्गों के खिलाफ कार्रवाई न करना यही प्रदर्शित करता है।
सूत्र बताते हैं कि मामा और उसके गुर्गे पुलिस के डर से कहीं भागे नहीं थे बल्कि कुछ दिनों के लिए सुनियोजित तरीके से भूमिगत हो गए थे और शहर में अवैध सट्टे का कारोबार बंद कर दिया था।शहर से सटे सांडी रोड स्थित राजेपुर गांव में सट्टा किंग कौशल मामा और उसके साथियों ने अपना आशियाना बना लिया था जहां खेत में मामा के संरक्षण में जुआ खेला जाता है।लेकिन जैसे ही कुछ दिनों का समय बीता मामा अपने गुर्गों मोनू पाल,डंकली,टुनटुन और राजू के साथ फिर से धंधे में लग गया और शुरू करा दिया शहर में खुलेआम अवैध सट्टे का कारोबार।लोगों का कहना है कि डीजीपी की मित्र पुलिस अगर चाह ले तो शहर में अपराधियों की मजाल नहीं कि वह अपराध कर सकें लेकिन हरदोई शहर में जुएं और सट्टे के खुलेआम अवैध काले कारोबार और अपराधियों पर कार्रवाई न होने से स्थानीय पुलिस की भूमिका पर सवालिया उठना लाजिमी है।ऐसे में लोग जानना चाहते हैं कि स्थानीय पुलिस ने कौशल मामा और उसे गुर्गों के खिलाफ अभी तक क्या कार्रवाई की और शहर में अवैध सट्टे और जुए का कारोबार फिर से कैसे शुरू हो गया।फिलहाल यह सवाल लोगों के लिए एक पहेली है और इसका जवाब स्थानीय पुलिस ही दे सकती है।लोगों का तो यहां तक कहना है कि फेविकोल का मजबूत जोड़ है टूटेगा नहीं।हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि मामला अब पुलिस के बड़े अफसरों तक पहुंच चुका है लिहाजा अब मामा और उसके गुर्गों पर कार्रवाई तय है।पुलिस ने कार्रवाई के लिए जाल बिछाना भी शुरू कर दिया है बस कुछ दिन का इंतजार है।