शाहाबाद,हरदोई।स्थानीय प्रशासन एवं खाद्य निरीक्षकों की सांठ गांठ से बाजार व गली मोहल्लों में मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री जारी है। सूत्र बताते हैं कि ऐसा नहीं है कि विभाग और प्रशासन को पता नहीं है। यह सब मिलीभगत से चल रहा है। त्यौहारों के दिनों में तो मिलावट का यह धंधा और अधिक फलता-फूलता है। सूत्रों की मानें तो समीपवर्ती जनपद शाहजहांपुर, सीतापुर, कानपुर ,बरेली लखीमपुर उन्नाव से यह कारोबार हो रहा है, क्योंकि समीपवर्ती जनपदों से ऐसे अनेक रास्ते हैं, जहां कोई भी चैक पोस्ट नहीं है। अनेक रास्तों से दूसरे राज्यों से भी क्षेत्र में मिलावट का सामान बिक्री के लिए क्षेत्र में आ रहा है।
जिनमें सरसों का तेल, मसाले, आटा, दाल, नकली घी, चायपत्ती, मावा, पनीर, मिठाइयां शामिल हैं। इनमें सबसे अधिक पेठे की मिठाई, पतीसा, पैकेट वाला जूस व डूप्लीकेट नेम से अन्य कुछ खाद्य पदार्थ भी ऐसी बिक्री के लिए उपलब्ध है। जिसके ऊपर ऐसे कैमिकल का लेप होता है जो सेहत के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो रहा है।परचून की दुकानों से सीधे सप्लाई करने वाले लोग लोडिंग गाड़ियों में पूरी की पूरी दुकानें लेकर चलते हैं।न कोई इन्कम टैक्स, सेल टैक्स और न जी.एस.टी. का फंडा और मुनाफा 10 गुना ज्यादा। दुकानदार भी इनके चक्रव्यूह में यह सोच कर फंस जाते हैं कि उन्हें अपनी दुकान छोड़कर बाजार नहीं जाना पड़ता है और सस्ता भी मिलता है। जानकर बताते हैं कि जो तेल में तले जाने वाले खाद्य पदार्थ हैं उनके लिए तेल या घी यह लोग नया नहीं इस्तेमाल करते हैं उनके लिए तेल या घी यह उन दुकानों से खरीद लेते हैं जो कैटरिंग आदि का कार्य करते हैं। एक बार इस्तेमाल किया गया घी दूसरी बार इस्तेमाल किया जाए तो उसमें तले जाने वाले पदार्थ की गुणवत्ता बिल्कुल जीरो हो जाती है और कुछ पदार्थ जो दूसरी बार इस्तेमाल तेल में तले जाते हैं वह तो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक होते हैं।
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