पाली,हरदोई। नगर के रामलीला चौराहे के पास चिलचिलाती धूप में अपने मां बाप के साथ पापी पेट की खातिर पढ़ने लिखने की उम्र में खतरनाक करतब कर लोगों का मनोरंजन करती एक मासूम बच्ची ने लोगों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया।छत्तीसगढ़ प्रांत के बलौदा जनपद के भालपुर गांव निवासी विदिश गरीबी के दंश से त्रस्त अपनी पत्नी और दो मासूम बच्चों के साथ पापी पेट की खातिर बच्चों से खतरनाक करतब कराने के लिए मजबूर है। पढ़ने लिखने की उम्र में संगीत की धुनों के बीच चंद सिक्कों के लालच में कलाबाजी विभिन्न खतरनाक आसनों के साथ अपनी नन्ही सी जान को जोखिम में डालकर एक पतली सी रस्सी पर चलकर दर्शकों को अपनी कला के करतब दिखाकर पैसे मांगती मासूम बच्ची लोगों को सोचने के लिए मजबूर कर देती है।एक तरफ जहां लोग अपने बचपन की यादें कर उसमें लोग जाने के लिए बेचैन हो उठते हैं लेकिन कभी कभार कुछ ऐसा नजारा भी देखने को मिल जाता है कि किसी ने तो अपना बचपन खुल कर जिया तो किसी को यह तक पता नहीं कि बचपन क्या होता है।
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