November 12, 2025 2:49 am

सुहागिन महिलाओं ने अपने सुहाग की सलामती के लिए की वटवृक्ष की पूजा

पाली,हरदोई। सौभाग्यवती स्त्रियों ने अपने पति की सलामती और लंबी उम्र के लिए जेष्ठ मास की अमावस्या के दिन व्रत रखकर वट वृक्ष की पूजा अर्चना की। इस व्रत को सर्वप्रथम देवी सावित्री ने किया था। उन्होंने अपने सतीत्व और व्रत के पुण्य प्रताप से यमराज को अपने पति सत्यवान के प्राण वापस करने के लिए मजबूर कर दिया था तभी से सौभाग्यवती स्त्रियां अपनी पति की सलामती के लिए इस व्रत को करती चली आ रही हैं।
ज्येष्ठ मास की अमावस्या के मौके पर सुहागिन महिलाओं ने अपने सुहाग की सलामती के लिए व्रत रखा। झमाझम बारिश के बीच गुरुवार को सुबह ही स्नान करने के पश्चात सज धज कर सुहागिन महिलाओं ने समूह के साथ बरगद के वृक्ष की पूजा अर्चना की, साथ ही सत्यवान सावित्री की कथा को श्रवण किया। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को सर्वप्रथम देवी सावित्री ने किया था जिसके पुण्य प्रताप की दम पर ही उन्होंने अपने पति सत्यवान की आयु पूर्ण होने के बाद पति के प्राणो को लेकर जा रहे यमराज को सत्यवान के प्राण को वापस करने के लिए मजबूर कर दिया था तभी से इस व्रत को करने की या परंपरा चली आ रही है।

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