बिलग्राम/हरदोई। क्षेत्र के किसान और आवारा जानवर दोनों एक दूसरे से परेशान हैं। फसल बचाने के लिए एक ओर किसान अपने खेतों के आसपास ब्लेड युक्त तार लगा रहे हैं ताकि उनकी फसल आवारा पशुओं से सुरक्षित रह सके। वहीं दूसरी ओर वही कंटीले तार पशुओं के लिए बवाल ए जान बन रहे हैं। रोज तारों से कट कर बेजुबान जानवर अपनी जान गवां रहे हैं।कहने को तो जानवरों के लिए हर जगह गौशाला बनाये गये हैं लेकिन फिर ये छुट्टा क्यों घूम रहे हैं। ये कोई बताने वाला नहीं है। अखबारों में जब जानवरों के घायल होकर मृत होने की खबरे छपती हैं तो सरकार आदेश जारी कर यही कहती हैं कि आरी वाले तारों पर रोक लगा दी गई है। लेकिन बाजार में खुलेआम यही तारों की बिक्री जोरों पर होती है इससे साफ जाहिर होता है कि कहीं न कहीं सरकार के आदेश महज़ लफ्फाजी के अलावा और कुछ नहीं। रविवार को एक ऐसी ही गाय घायल अवस्था में बिलग्राम के सांडी रोड पर दिखाई दी जिसका सर पूरी तरह जख्मी दिखाई दे रहा था। लोगों ने बताया कि ये गाय भी किसी खेत में ब्लेडलगे तारों से घायल हुई है, जिसको इलाज की सख्त जरूरत है। लेकिन शायद इसे इलाज नहीं मिल पायेगा और ऐसा लगता है कि इसकी ऐसे ही तड़प तड़प कर मौत हो जायेगी। वहीं समाजसेवियों से जब इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना है कि किसानों ने अपने खेतों के चारों ओर धारदार कंटीले तार लगा रखे हैं। गाय जब खेत में चरने के लिए जाती हैं, तो तारों में फंसकर बुरी तरह से कट कर घायल हो जाती हैं। धीरे-धीरे कटे हुए स्थान पर कीड़े पड़ जाते हैं जिससे इलाज के आभाव में रोजाना कई गोवंश तड़प-तड़प कर मर जाते हैं।
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