समय रहते शिक्षक का हो गया होता तबादला तो बच सकती थी अवधेश की जान

मल्लावां/ हरदोई।शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों ने यदि शिक्षक का स्थानांतरण कर दिया होता तो शायद अवधेश की जान बच सकती थी। शिकायती पत्र के बावजूद उच्चाधिकारियों ने ध्यान नही दिया, इसी  लापरवाही के चलते युवक की जान चली गई।
कोतवाली क्षेत्र के गांव राघौपुर निवासी अवधेश कुमार सिंह 30 अपनी भाभी नीतू सिंह व  जूनियर हाई स्कूल के शिक्षक अरुण राजीव से प्रताड़ित होकर बुधवार की सुबह जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली थी। मृतक की जेब से सोसाइड नोट बरामद हुआ था। सोसाइड नोट में मृतक ने दोनों को जिम्मेदार बताया था। इससे पूर्व मृतक की मां मुन्नीदेवी ने 10 सितंबर को मुख्यमन्त्री से लेकर बेसिक शिक्षा मंत्री , जिलाधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजे गए पत्र में बताया था कि उनकी बड़ी बहू नीतू सिंह और राघौपुर स्थित जूनियर हाई स्कूल में सहायक अध्यापक अरुण राजीव के बीच नाजायज संबंध हो गए  है। जिसका स्कूल के बच्चों पर लगत प्रभाव पड़ रहा है। जिस पर दोनों को समझाया गया लेकिन वह लोग मानने के बजाय  दोनो ने मिलकर फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दे रहे हैं। जिससे परिवार के सदस्य प्रताड़ित हो रहे हैं। उन्होंने शिक्षक को अन्यंत्र किसी स्कूल में स्थान्तरण की मांग की थी। लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों ने इस मामले को गम्भीरता से नहीं लिया और न ही शिक्षक का स्थानांतरण किया गया। विभाग की उदासीनता के चलते युवक की जान चली गई।

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