हरदोई।अखिल भारतीय साहित्य परिषद का 16 वां त्रैवार्षिक अधिवेशन हरदोई के अल्लीपुर में स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया महाविद्यालय में आगामी 24,25, 26 दिसंबर को तय हुआ।
अखिल भारतीय साहित्य परिषद ने सन् 1964 से लेकर अब तक लगातार हिंदी साहित्य के लिए और देश में जितनी भी बोलियां बोली जाती है उन सबके बीच में काम करने वाला एक अखिल भारतीय संगठन है और इसके कार्यकर्ता देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है साहित्य परिषद भिन्न-भिन्न आयामों में काम करती है साथ ही साथ साहित्य के बीच में एक नई दिशा और दशा को स्थापित करने के लिए सतत संलग्न है। साहित्य परिषद में अब तक के राष्ट्रीय अध्यक्षों की लंबी श्रंखला रही है चाहे श्रद्धेय जयनेन्द्र जी हो या पंडित सोहनलाल द्विवेदी हो, आचार्य विद्यानिवास मिश्र, हो मृदुला सिन्हा हो साथ ही प्रसिद्ध कथाकार बलवंत भाई जानी या त्रिभुवन नाथ शुक्ल हो एक लंबी श्रृंखला अपने अखिल भारतीय साहित्य परिषद में रही है। इसके साथ ही हर 3 वर्ष में एक त्रैमासिक अधिवेशन होता है।अखिल भारतीय साहित्य परिषद के इतिहास में अभी तक जितने भी तरह से मासिक अधिवेशन हुए हैं वह सब महानगरीय शहरों में हुए हैं पहली बार याद वेशन हरदोई के एक छोटे से गांव अल्लीपुर में डॉ राम मनोहर लोहिया महाविद्यालय में होने जा रहा है। इस अधिवेशन में देश और विदेश से लगभग 1000 साहित्यकार भाग लेंगे और साथ ही कन्नड़ के प्रसिद्ध साहित्यकार भैरव पाजी हो या उनके समकक्ष देश में जो भी साहित्यकार है वह सब के सब अधिवेशन में उपस्थित रहेंगे या हरदोई के लिए अत्यंत आनंद व गौरव की बात है कि देश और विदेश के सारे साहित्यकार एक साथ अल्लीपुर में उपस्थित होंगे।