सभी पार्टियों में रह चुके पूर्व विधायक वीरेन्द्र वर्मा भाजपा में शामिल
हरदोई। आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नेताओं की दलबदल की रेस तेज हो गई है और टिकट की आस में नेताओं ने एक दल को छोड़कर दूसरे दल में शामिल होना शुरू कर दिया है। दलबदल के इस क्रम में हरदोई भाजपा के हाथ एक बड़ी कामयाबी हाथ लग गई है। बसपा से विधायक रह चुके वीरेन्द्र वर्मा तमाम अटकलों और कयासों के बीच रविवार को भाजपा के प्रदेश कार्यकाल पर भाजपा में शामिल हो गए हैं।
पूर्व विधायक वीरेन्द्र वर्मा के भाजपा में शामिल होने के बाद सांडी विधानसभा से टिकट की दावेदारी कर रहे नेताओं पर राजनीतिक संकट के बादल मंडराने लगे हैं। पूर्व विधायक के करीबियों ने उनके भाजपा में शामिल होने पर खुशी जाहिर की है।
वीरेंद्र वर्मा 2007 में तत्कालीन अहिरोरी विधानसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। बदले परिसीमन में वह बसपा के टिकट पर 2012 और 2017 में सांडी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े थे। 2012 में सपा प्रत्याशी राजेश्वरी से और 2017 में भाजपा प्रत्याशी प्रभाष कुमार से वीरेंद्र वर्मा हार गए थे। बहुजन समाज पार्टी के पूर्व विधायक वीरेंद्र वर्मा ने 2017 के विधानसभा चुनाव के ठीक बाद पार्टी पर धन उगाही करने का आरोप लगा कर पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद वीरेन्द्र वर्मा समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के टिकट न मिलने के बाद आखिरकार उन्होंने 23 मार्च सपा को अलविदा कहकर कांग्रेस का दामन थाम लिया और कांग्रेस ने उन्हें अपना लोकसभा का उम्मीदवार भी बनाया लेकिन वह भाजपा के जयप्रकाश रावत से चुनाव हार गए थे।
सपा बसपा और कांग्रेस में राजनीतिक पर्यटन करने के बाद अब पूर्व विधायक वीरेन्द्र वर्मा भाजपा में शामिल होना क्या गुल खिलेगा यह तो भविष्य के गर्त में है लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी टिकट की दावेदारी भाजपा के कई नेताओं के राजनीतिक मंसूबों पर पानी भी फेर सकती है। ऐसे में भाजपा में पूर्व विधायक की एंट्री से भाजपा को आगामी विधानसभा चुनाव में फायदा होगा यह नुकसान, इसका अंदाजा लगाने के लिए कयासों का बाजार अभी से गर्म हो गया है।