कछौना/हरदोई। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि सड़कों पर फैले जानलेवा गड्ढे आतंकवादियों से भी ज्यादा घातक व खतरनाक है। इनके कारण जनधन की हानि व व्यक्ति की जान तक चली जाती है। दुर्घटना से व्यक्ति जीवन भर के लिए विकलांग हो जाता है। एक तरफ सरकार गड्ढा मुक्त अभियान चलाकर फील गुड कराती है। जिसका खामियाजा आम जनमानस को प्रतिदिन उठाना पड़ता है।
बताते चलें, लखनऊ हरदोई पलिया नेशनल हाईवे पर ग्राम टुटियारा के पास चिरकांटी के पास व पेप्सी फैक्ट्री के पास मुख्य मार्ग पर गहरे गहरे गड्ढे हो गए हैं। इनकी चपेट में आने से प्रतिदिन राहगीर चोटहिल होते हैं। जबकि इस मार्ग से प्रतिदिन जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों का आना जाना रहता है। इनकी नजर इन गड्ढों पर शायद नहीं पड़ती है व अनदेखी करते हैं। नागरिकों द्वारा टैक्स चुकाने के बाद भी आम जनमानस को बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी की जाती है। जबकि इन जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों को लोगों के टैक्स के पैसे से ही परिवार का भरण पोषण होता हैं। यह लोग अधिकारी शाही में मस्त रहकर आम लोगों की जन समस्याओं की तरफ ध्यान नहीं देते हैं। इन गड्डों की चपेट में आने से दो लोगों की असमय मृत्यु हो चुकी है। सामाजिक कार्यकर्ता इंद्रजीत यादव ने इन गड्ढों को भरने के लिए जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं। परंतु किसी ने सुध लेना मुनासिब नहीं समझा है, शायद प्रशासनिक अमला कोई बड़ी घटना के बाद सुध लें। इन गड्ढों की वजह से सड़क दुर्घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। वहीं मुख्यमंत्री के गड्ढा युक्त अभियान में प्रशासनिक अधिकारी पलीता लगा रहे हैं। इन हादसों की वजह से सैकड़ों परिवार तबाह हो चुके हैं/हों रहे हैं।एनएचएआई के अधिकारी ने बताया स्टीमेट स्वीकृत हो गया है। शीघ्र ही टेण्डर होने के बाद गड्डा भरने का कार्य कराया जाएगा।