कृपालु साधक डॉ राजेंद्र दत्त मिश्र ने गुरु पूर्णिमा का महत्व समझाया
हरदोई।साधक सत्संग सेवा समिति हरदोई द्वारा आयोजित गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सरकुलर रोड स्थित नारायण-धाम में भक्ति रस की बयार बही।
कृपालु साधक डॉ राजेंद्र दत्त मिश्र ने गुरु पूर्णिमा का महत्व समझाते हुए बताया कि गुरु एक व्यक्ति ना होकर व्यक्तित्व है, इसलिए गुरुपूजन का अवसर प्राप्त होना सौभाग्य एंव ईशकृपा का विषय है।
उन्होंने कहा कि भौतिक संपदा में सुख शांति नहीं है और उसके पीछे भागना अज्ञानता है। यही अज्ञानता तनाव एवं परेशानी का कारण भी है। कृपालुसाधक ने बताया कि गुरु शिक्षा देता है और सद्गुरु कृपा की भिक्षा देता है। मानव जीवन को दुर्लभ बताते हुए उन्होंने संदेश दिया कि सद्गुरु के संपर्क में रहकर सद्कर्म करने चाहिए। इंद्रिय पूजा के बजाए मन को केंद्रित करने में ही कल्याण बताते हुए समझाया कि तन-यौवन सिर्फ चार दिन का अर्थात नश्वर है। वेद का सन्देश है कि मानव शरीर प्राप्त कर परमार्थ करें तभी आनंद की प्राप्ति होगी।
कृपालु साधक डॉक्टर मिश्र ने अध्यात्म पर आडंबर का आवरण डाले कुछ तथाकथित गुरुओं द्वारा लोगों को भ्रमित करने के प्रति सचेत करते हुए कहा कि सद्गुरु को पहचाने और सद्ग्रंथों की शरण लें। इस अवसर पर उन्होंने सद्गुरु की विशेषताएं भी बताई।
कार्यक्रम का प्रारंभ कृपालु साधक डॉक्टर मिश्र द्वारा गुरु पूजन एवं आरती से हुआ। इस अवसर पर प्रकाशित होने वाली पुस्तिका का विमोचन पर्व वाजपेयी द्वारा कृपालु साधक से कराया गया। डॉक्टर मिश्र के व्यासपीठ पर विराजमान होने के पश्चात विभिन्न जनपदों से आए उनके शिष्यों ने माल्यार्पण किया। व्यासपीठ को नमन करने वालों में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी, पूर्व मुख्य सचिव आरके तिवारी, नोएडा से कल्पित द्विवेदी एवं गौरव त्रिपाठी, लखनऊ से प्रशांत सिंह राठौर, ओएन पाठक, श्रवण कुमार, राघवेंद्र तिवारी और हल्द्वानी से संदीप त्यागी प्रमुख रूप से शामिल रहे। इनके अतिरिक्त जिला पंचायत अध्यक्ष प्रेमा वती,नगरपालिका अध्यक्ष सुखसागर मिश्र मधुर, पूर्व जिलापंचायत अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष उमेश अग्रवाल आदि शामिल रहे।
कार्यक्रम प्रारंभ होने के पूर्व चारु, सरिता, बिन्नी, अर्पित, चेतन, रोली, गरिमा, मीना तथा पूनम ने भक्ति गीत प्रस्तुत किए। तबले पर संगत राजीव मिश्र की रही। कार्यक्रम का संचालन अखिलेश वाजपेयी ने किया।